Friday, December 13, 2024
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स्वामी रामभद्राचार्य EXCLUSIVE: 'राम मंदिर भारत के स्वाभिमान और मर्यादा का मंदिर है'

इंडिया टीवी को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में स्वामी रामभद्राचार्य ने राम मंदिर को लेकर हुए आंदोलन और अदालत में गवाही के साथ ही प्राण प्रतिष्ठा समारोह से जुड़े सवालों का खुलकर जवाब दिया।

Reported By : Nirnay Kapoor Written By : Niraj Kumar Published : Jan 05, 2024 16:49 IST, Updated : Jan 05, 2024 17:17 IST
Swami Rambhadracharya- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV स्वामी रामभद्राचार्य का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू

नई दिल्ली: स्वामी रामभद्राचार्य ने इंडिया टीवी को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा कि राम मंदिर भारत के स्वाभिमान और मर्यादा का मंदिर है। उन्होंने कहा कि अयोध्या, काशी और मथुरा तो हिंदुओं को चाहिए ही चाहिए साथ ही इस बात पर भी जोर दिया कि चुनाव में यह साफ हो चुका है कि राम मंदिर और सनातन का विरोध करनेवालों को दंड मिला और 2024 में भी दंड मिलेगा। 

भगवान राम सबके हैं-स्वामी रामभद्राचार्य 

स्वामी रामभद्राचार्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपनी मित्रता और राम मंदिर निर्माण से जुड़े तमाम प्रसंगों का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री मोदी से मित्रता के बारे में उन्होंने कहा कि आडवाणी जी की रथयात्रा के दौरान से नरेंद्र मोदी से हमारी मित्रता है। हम सामाजिक सद्भाव चाहते हैं। विपक्ष माने न माने यह उनके विवेक पर निर्भर करता हैं। हम तो कहते हैं कि राम सबके हैं। 

तय किया था, लक्ष्य हासिल करने तक आंदोलन नहीं रुकेगा-स्वामी रामभद्राचार्य 

उन्होंने राम मंदिर को लेकर आंदोलन की शुरुआत का जिक्र करते हुए कहा कि हमने तय कर लिया था कि जबतक अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर लेंगे तबतक आंदोलन नहीं रुकेगा।  1988 में बीजेपी 80 सीटों के साथ आई। बीजेपी के समर्थन से विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार बनी। राम मंदिर आंदोलन को लेकर लालकृष्ण आडवाणी जी की रथयात्रा रोकी गई तो बीजेपी ने समर्थन वापस ले लिया और तत्कालीन वीपी सिंह की सरकार गिर गई थी।

निहत्थे रामभक्तों पर गोलियां बरसाई गईं -स्वामी रामभद्राचार्य 

स्वामी रामभद्राचार्य ने कार सेवा का जिक्र करते हुए कहा कि  31 अक्टूबर 1990 और 2 नवंबर 1990 को यूपी की तत्कालीन मुलायम सिंह की सरकार ने निहत्थे रामभक्तों पर गोलियां बरसाई और सरयू नदी लाल हो गई। लोगों ने अपने बलिदान दिए। हम लोगों ने हार नहीं मानी और 6 दिसंबर को ढांचा ढहाया गया। 11.45 से 4 बजे तक भगवान का कारसेवकावतार हो गया था। रामलला जी टेंट में स्थापित रहे। 

8 दिनों तक मैं भी जेल में रहा--स्वामी रामभद्राचार्य 

रामभद्राचार्य ने कहा कि आठ दिन तक मैं भी जेल में रहा। हम नजरबंद भी रहे। लाठीचार्ज में मेरी दाहिनी कलाई टेढी हो गई। मुकदमा चलता रहा। अंततोगत्वा 2003 से इलाहाबाद हाईकोर्ट में गवाही का सवाल आया। सारे मठाधीश मना कर दिया। मैंने कहा मैं कोर्ट में उपस्थित होकर साक्ष्य दूंगा। कोर्ट ने कहा कि आप की आंखें नहीं आप क्या साक्ष्य देंगे। हमने कहा कि साक्ष्य के लिए भौतिक आंखों की जरूरत नहीं है। हमने 441 प्रमाण रामजन्मभूमि के पक्ष में दिए। 437 प्रमाण यथावत निकले। चार भी सही थे लेकिन धूमिल निकले। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में जमीन का तीन हिस्सों में बंटवारा कर दिया था। 

 9 नवंबर 2019 का फैसला हमारे अनुकूल आया-स्वामी रामभद्राचार्य 

फिर मामला सुप्रीम कोर्ट में गया और  9 नवंबर 2019 को जो फैसला आया वह अनुकूल निर्णय आया। गवाही के दौरान मैंने रामायण, वेदों , उपनिषदों की चर्चा की, राम जन्मभूमि का प्रमाण दिया। मुस्लिम जज को कहना पड़ा 'सर यू आर डिवाइन पावर'। 9 नवंबर 2019 के फैसले में दूसरे पक्ष को अयोध्या के बाहर 5 एकड़ जमीन देने का फैसला किया आया। अंततोगत्वा राम मंदिर का शिलान्यास हुआ। अब 22 जनवरी 2024 को 12 बजकर 29 मिनट पर भगवान राम प्राण प्रतिष्ठा के विधान से गर्भ गृह में प्रवेश कर रहे हैं। 

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