Friday, May 10, 2024
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जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को जिंदा रखने के लिए युवाओं को बरगला रहा पाकिस्तान, सामने आई अहम जानकारी

जम्मू-कश्मीर में सीमापार आतंकवाद की अपनी लगभग तीन दशक लंबी रणनीति में बदलाव करते हुए पाकिस्तान एक बार फिर इस केंद्र शासित प्रदेश में युवाओं को धर्म के नाम पर बरगलाने और धार्मिक भावनाओं को आधार बनाकर उन्हें उकसाने की चाल चल रहा है। 

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: March 20, 2022 17:22 IST
Jammu Kashmir News- India TV Hindi
Image Source : PTI Jammu Kashmir News

जम्मू-कश्मीर में सीमापार आतंकवाद की अपनी लगभग तीन दशक लंबी रणनीति में बदलाव करते हुए पाकिस्तान एक बार फिर इस केंद्र शासित प्रदेश में युवाओं को धर्म के नाम पर बरगलाने और धार्मिक भावनाओं को आधार बनाकर उन्हें उकसाने की चाल चल रहा है। अधिकारियों ने रविवार को यहां यह बात कही। अधिकारियों का कहना है कि इस दांव-पेंच को पाकिस्तान के वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) की 'ग्रे सूची' से निकलने के प्रयासों के मद्देनजर भी देखा जाना चाहिए। 

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा 'आजादी' और स्वायत्तता के अधिकार की आड़ में शुरू किया गया आतंकी आंदोलन धीरे-धीरे हल्के संघर्ष में बदल गया है जोकि आज ''धर्म और कट्टरता'' के स्तंभ पर खड़ा है। खुद को एफएटीएफ की ग्रे सूची से बाहर निकालने के लिए आईएसआई ने वर्ष 2016 से द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ), कश्मीर टाइगर्स (कश्मीर टाइगर्स), द पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फोर्स (पीएएफएफ) और कश्मीर जांबाज फोर्स (केजेएफ) जैसे कई छद्म आतंकवादी संगठन बनाना शुरू कर दिया। 

कश्मीर में आतंकवाद को ज़िदा रखना चाहता है पाकिस्तान

अधिकारियों का कहना है कि ये समूह और कुछ नहीं बल्कि प्रतिबंधित आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के ही छद्म समूह हैं। छद्म समूह बनाने का एक अन्य उद्देश्य इन समूहों को स्थानीय कश्मीरी समूह के तौर पर पेश करके आतंकवाद को जिंदा रखना है। एक अधिकारी ने कहा, 'पाकिस्तान निश्चित रूप से अपनी रणनीति को बदल रहा है और इसके तहत न केवल घाटी में युवाओं को बरगलाने बल्कि भारत के भीतर मौजूद धार्मिक दरारों का फायदा उठाने के लिए धार्मिक भावनाओं की आड़ ले रहा है।'

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