Monday, April 29, 2024
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बौख नाग देवता का प्रकोप! गांव वालों ने कहा- मंदिर हटाते ही टनल पर आई मुसीबत, दोबारा स्थापित हुए तो मिली खुशखबरी

स्थानीय लोगों का मानना है कि बौख नाग देवता का प्रकोप ही है जिसकी वजह से पहले तो सुरंग में 41 मजदूर फंस गए और अब उन्हें निकालने में तमाम तरह की दिक्कतें पेश आ रही हैं।

Vineet Kumar Singh Edited By: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Updated on: November 22, 2023 10:08 IST
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Image Source : ANI उत्तरकाशी के सुरंग के मुहाने पर बौख नाग देवता का मंदिर एक बार फिर स्थापित कर दिया गया है।

देहरादून: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के काम में तेजी आई है। अब मजदूरों तक 6 इंच के व्यास वाली पाइप आर-पार होकर पहुंच गई है और इसके जरिए उन तक खाना और सारे जरूरी सामान पहुंचाए जा रहे हैं। आज सुबह आए एक वीडियो में सुरंग के भीतर मजदूर स्वस्थ नजर आए और उन्होंने बात भी की। वहीं, हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने दावा किया है कि सुरंग बनाने के दौरान निर्माण करने वाले लोगों ने सिलक्यारी में एक पुराने मंदिर को हटा दिया था, जिसके प्रकोप के चलते ये हादसा हुआ है।

स्थानीय लोगों ने कंंस्ट्रक्शन कंपनी के मैनेजमेंट को दिया दोष

स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रोजेक्ट के शुरू होने से पहले सुरंग के मुंह के पास एक छोटा-सा मंदिर बनाया गया था और स्थानीय मान्यताओं को सम्मान देते हुए अधिकारी और मजदूर पूजा करने के बाद ही सुरंग के अंदर दाखिल होते थे, लेकिन दिवाली से कुछ दिन पहले कंस्ट्रक्शन करने वाले कंपनी के मैनेजमेंट ने मंदिर को वहां से हटवा दिया। लोगों का कहना है कि मंदिर को हटाने के बाद ही सुरंग में यह हादसा हुआ और अब तक तमाम तरह की कोशिशें करने के बावजूद मजदूरों का रेस्क्यू नहीं हो पाया है।

मंदिर के हटने के बाद प्रोजेक्ट के सामने आईं कई परेशानियां

यह सच है कि मंदिर के हटने के बाद ही तमाम तरह की दिक्कतों से सामना हो रहा है। पहले तो ठीक दीपावली के दिन मजदूर सुरंग में फंस गए। उसके बाद जब उन्हें निकालने की कोशिश की गई, तो कभी भूस्खलन की वजह से काम में रुकावट आई तो कभी ऑगर मशीन ही खराब हो गई। जब सारे उपाय विफल हो गए तब कंस्ट्रक्शन कंपनी के अधिकारियों ने बौखनाग देवता के पुजारी को बुलाकर उनसे क्षमा याचना की और पूजा की। ग्रामीणों के दबाव को देखते हुए कंपनी मैनेजमेंट ने सुरंग के बाहर बौखनाग देवता का मंदिर फिर से स्थापित कर दिया।

मंदिर की स्थापना के कुछ घंटे बाद मजदूरों तक पहुंचा कैमरा

मंदिर की स्थापना के बाद पहली सफलता तब मिली जब 6 इंच का पाइप मलबे के पार होकर मजदूरों तक पहुंच गया। इस पाइप की मदद से मजदूरों तक अब आसानी से दलिया, खिचड़ी समेत कई तरह के खाद्य पदार्थ भेजे जा सकते हैं। वहीं, पाइप से भेजे गए कैमरे की मदद से मजदूरों से बात भी हुई जिसमें वे स्वस्थ लग रहे थे। सुरंग के अंदर फंसे एक मजदूर ने अपने संदेश में कहा कि वह पूरी तरह ठीक है और खाना भी वक्त पर मिल जा रहा है। उसने कहा कि उन्हें सुरंग में फिलहाल कोई दिक्कत नहीं है।

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