Thursday, May 09, 2024
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यहां हो रही है पानी की खेती, जानिए क्या है तकनीक और कैसे होता है उपयोग

मोरक्को, पेरू और इजराइल में पानी की खेती होती है। वहां हवा में मौजूद नमी को इकट्ठा करने वाली अनूठी तकनीक का उपयोग किया जाता है। इस तकनीक के द्वारा कई देशों ने बंजर भूमि को सींचना शुरू कर दिया है और अब यहां पीने के पानी की भी कमी नहीं हो रही है।

IndiaTV Hindi Desk Edited By: IndiaTV Hindi Desk
Published on: October 21, 2022 19:50 IST
Water farming is a great thing it is a gift for human existence- India TV Hindi
Water farming is a great thing it is a gift for human existence

दुनिया के अधिकतर देश बंजर हो रही भूमि से परेशान हैं। कुछ देशों के कुछ इलाके में पीने के पानी को लेकर भी आफत है। लेकिन कुछ ऐसी भी तकनीक हैं जिनके द्वारा पानी की खेती की जा रही है। अलग-अलग देशों में पानी की खेती अलग-अलग ढंग से की जा रही है। बढ़ती जनसंख्या के मुताबिक खाद्यान उपलब्ध कराने के लिए यह जरूरी है कि कृषि योग्य भूमि में वृद्धि हो। अफ्रीका के देशों में तो लोग पीने के पानी के लिए भी बेचैन रहते हैं। ओस, हवा और कोहरा नमी के लिए जाने जाते हैं। नमी को अलग-अलग तकनीक से एकत्रित करने की प्रक्रिया को ‘पानी की खेती’ कहा जाता है। रेगिस्तानी इलाकों में बड़े विशेष किस्म के जाले से ओस और कोहरे को एकत्र किया जाता है। एकत्रित ओस और कोहरे की नमी को पाइप के द्वारा छोटे कुओं में पहुंचाया जाता है। इन कुओं में ओस और कोहरे की नमी को ठंडा किया जाता है। ठंड होते ही नमी पानी में बदल जाती है, जिन्हें छानकर अलग-अलग कार्यों के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

मोरक्को 

उत्तरी अफ्रीका के इस देश में रेगिस्तान की भूमि को कृषि योग्य बनाने के लिए हवा की नमी को इकट्ठा करने वाली तकनीक का उपयोग किया जाता है। इससे पीने के पानी और कृषि के लिए सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो जाती है।

पेरू 

यहां की राजधानी लीमा में पीने के पानी की समस्या है। यहां ओस, कोहरे और हवा से नमी पकड़ने वाले विशेष किस्म के जाल का प्रयोग पानी की खेती के लिए किया जाता है। इस खेती से प्राप्त जल का उपयोग पीने के लिए और कृषि में होता है।

इजराइल

इजराइल में पानी को एकत्रित करने के लिए अनेकों तकनीक हैं। युवा किसानों का देश कहे जाने वाले इजराइल में प्लास्टिक ट्रे की तकनीक का इस्तेमाल हवा से नमी को इकट्ठा करने के लिए खूब किया जाता है। प्लास्टिक ट्रे में यूवी फिल्टर और चूने का पत्थर लगाकर इसे पेड़ों के इर्द-गिर्द लगाया जाता है। रात में ये ट्रे वातावरण से ओस की बूंद को सोखता है और इसे जड़ों तक पहुंचाता है। इस विधि से पौधों की 50 प्रतिशत पानी की जरूरत पूरी हो जाती है।

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