Friday, April 19, 2024
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गुजरात: बगावत से परेशान कांग्रेस अपने 44 विधायकों को रातोंरात बेंगलूरू लेकर गई

कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि 'गुजरात में भाजपा ने खरीद-फरोख्त में करोड़ों रुपये खर्च किए हैं। आपने यह देखी है, गुजरात में भाजपा की नीति है कि सभी कानूनों को तोड़कर जैसे भी हो सत्ता में बने रहा जाए'। सिंघवी ने कहा कि पार्टी अपने सारे विकल

India TV News Desk Edited by: India TV News Desk
Published on: July 29, 2017 7:23 IST
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अहमदाबाद: राज्‍यसभा चुनावों से पहले गुजरात में 6 कांग्रेसी विधायकों के अचानक पार्टी छोड़कर भाजपा में चले जाने के बाद पार्टी यहां अब अपनी खिसकती जमीन को बचाने में जुटी हुई है, ताकि आगामी राज्‍यसभा चुनावों में वह कमजोर स्थिति में न पहुंच जाए। इसके तहत पार्टी गुजरात में अपने 44 विधायकों को शुक्रवार रात एकाएक बेंगलुरु ले गई। नाम न उजागर करने की शर्त पर पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, गुजरात में मौजूदा हालात को देखते हुए जहां हमारे सदस्यों को लालच देने की कोशिश की जा रही है, हम अपने 44 विधायकों को बेंगूलरू भेज दिये हैं। प्रदेश के एक अन्य नेता ने घटनाक्रम की पुष्टि की है। वहीं दिन में कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मांग की थी कि धन और ताकत का इस्तेमाल करके कांग्रेस के विधायकों का शिकार करने के लिए चुनाव आयोग भाजपा के खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज करे। इस आरोप को भगवा दल ने खारिज किया है। ये भी पढ़ें: दलालों के चक्कर में न पड़ें 60 रुपए में बन जाता है ड्राइविंग लाइसेंस

कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि 'गुजरात में भाजपा ने खरीद-फरोख्त में करोड़ों रुपये खर्च किए हैं। आपने यह देखी है, गुजरात में भाजपा की नीति है कि सभी कानूनों को तोड़कर जैसे भी हो सत्ता में बने रहा जाए'। सिंघवी ने कहा कि पार्टी अपने सारे विकल्प खुले रख रही है और विधायकों को चेतावनी दी कि दल-बदल विरोधी कानून के तहत वे छह वर्ष तक चुनाव लड़ने के अयोग्य हो जाएंगे।

बता दें कि कल गुजरात में विपक्षी पार्टी को तगड़ा झाटका देते हुए तीन और विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था। इसी के साथ राज्यसभा चुनाव से पहले पार्टी छोड़ने वाले विधायकों की संख्या छह हो गई। कांग्रेस ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल को गुजरात से संसद के उच्च सदन के लिए फिर उतारा है।

सूत्रों ने बताया कि वाघेला के प्रति वफादार कुछ और विधायक इस्तीफा दे सकते हैं, जबकि अन्य अगले सप्ताह कांग्रेस के उम्मीदवार के खिलाफ वोट कर सकते हैं जैसा कि राष्ट्रपति चुनाव में हुआ था। 11 लोगों ने विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार की बजाय रामनाथ कोविंद के लिए मतदान किया था। राज्य की 182 सदस्य विधानसभा में कांग्रेस की संख्या 57 से घटकर 51 रह गई है। इसका असर आगामी राज्यसभा चुनाव में पटेल की किस्मत पर पड़ सकता है।

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