नयी दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डुसू) चुनाव जीतने वाले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के उम्मीदवारों ने बृहस्पतिवार को अपनी जीत का जश्न मनाया और अपने घोषणापत्र में किये गये वादों को पूरा करने का निश्चय किया। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के एक मात्र विजेता ने चुनाव परिणाम में धोखाधड़ी का आरोप लगाया। डूसू अध्यक्ष पद का चुनाव जीतने वाले अभाविप के अंकिव बसोया बौद्ध अध्ययन से स्नातकोत्तर कर रहे हैं। वह 2015 से अभाविप से जुड़े हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे चुनाव घोषणापत्र ने कहा कि हम डूसू बजट का 50 फीसद महिला सुरक्षा पर लगायेंगे, अतएव हम परिसर को महिलाओं को सुरक्षित बनाने की दिशा में काम करेंगे।’’ डूसू उपाध्यक्ष का चुनाव जीतने वाले अभाविप उम्मीदवार शक्ति सिंह राष्ट्रीय स्तर के बॉक्सर हैं और वह एकमात्र उम्मीदवार हैं जिन्होंने विश्वविद्यालय से स्नातक नहीं किया है। उन्होंने पुणे के एमआईटी से स्नातक किया और वह दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि मैं खिलाड़ी हूं इसलिए मैं विश्वविद्यालय में खेलकूद की संस्कृति को बढ़ावा देने की दिशा में काम करुंगा। हमने अपने घोषणापत्र में भी खेलकूद को बढ़ावा देने का उल्लेख किया है। यह जीत संकेत देती है कि देश के विद्यार्थी अभाविप के साथ हैं।’’
सचिव पद पर चुनाव जीतने वाले एनएसयूआई उम्मीदवार आकाश चौधरी ने कहा कि विद्यार्थियों के प्यार से ही उनकी जीत संभव हो पायी है। वैसे उन्होंने अन्य एनएसयूआई उम्मीदवारों की हार के लिए चुनाव में गड़बड़ी को जिम्मेदार ठहराया। संयुक्त सचिव पद पर जीत दर्ज करने वाली अभाविप उम्मीदवार ज्योति चौधरी ने विवेकानंद कॉलेज से स्नातक किया है।