Wednesday, April 24, 2024
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ऑपरेशन राजस्थान: कांग्रेस के लिए संकटमोचक बनकर उभरे अहमद पटेल

पार्टी के एक नेता ने कहा कि पटेल की कार्यशैली ने लड़ाई में जुटे गुटों के बीच सेतु बनाने में मदद की। वह पार्टी में अलग-अलग आवाजें उठा सकते हैं और फिर भी बड़े राजनीतिक ऑपरेशन करते हुए पर्दे के पीछे रह सकते हैं।

IANS Written by: IANS
Updated on: August 11, 2020 18:44 IST
What was the role of Ahmed Patel during Rajasthan Congress Crisis Sachin Pilot vs Ashok Gehlot । ऑपर- India TV Hindi
Image Source : PTI ऑपरेशन राजस्थान: कांग्रेस के लिए संकटमोचक बनकर उभरे अहमद पटेल

नई दिल्ली. राजस्थान में कांग्रेस सरकार को बचाने और बागी नेता सचिन पायलट और उनके समर्थकों की पार्टी में वापसी सुनिश्चित कर दिग्गज कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि पार्टी नेतृत्व को संकट से निकालने का उनका कौशल क्यों जबरदस्त और जरूरी है। जब भी कांग्रेस के लिए समस्या पैदा होती है सभी की निगाहें पटेल पर टिक जाती हैं। साल 2004 और 2014 के बीच कई दलों के साथ गठबंधन में दो बार यूपीए सरकार के सुचारु रूप संचालन में उनकी अहम भूमिका रही।

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वह अभी भी कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण वातार्कार हैं, जो उन्होंने मध्य प्रदेश में पार्टी के बुरे अनुभव के बाद राजस्थान में गहलोत सरकार को गिराने के भाजपा के प्रयासों को विफल करके साबित किया। कांग्रेस मध्यप्रदेश में सत्ता खोने के छह महीने के भीतर दूसरा राज्य नहीं खोना चाहती थी और इसलिए अपने दिग्गज नेता की बातचीत के कौशल पर भरोसा जताया।

सचिन पायलट के मामले में, यह कांग्रेस के कोषाध्यक्ष थे, जिन्होंने तत्कालीन राजस्थान के उपमुख्यमंत्री द्वारा बगावत के पहले दिन चार विधायकों की वापसी कराने में कामयाबी हासिल की थी। राज्यसभा सदस्य पटेल ने पार्टी के बागियों के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व किया और राज्य सरकार को बचाने के लिए अशोक गहलोत का समर्थन किया। यह लड़ाई कई मोर्चो पर लड़ी गई। कांग्रेस की कानूनी टीम ने इसे अदालतों में लड़ा, गहलोत ने अपने विधायकों पर पकड़ बनाए रखी, और साथ ही कुछ भाजपा विधायकों पर जीत हासिल करने का प्रयास किया।

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पार्टी के एक नेता ने कहा कि पटेल की कार्यशैली ने लड़ाई में जुटे गुटों के बीच सेतु बनाने में मदद की। वह पार्टी में अलग-अलग आवाजें उठा सकते हैं और फिर भी बड़े राजनीतिक ऑपरेशन करते हुए पर्दे के पीछे रह सकते हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि पायलट खेमे में 'ट्रोजन हॉर्स' भी मौजूद थे जो कांग्रेस नेतृत्व के साथ नियमित संपर्क में थे। एक बार जब पायलट खेमे ने बातचीत शुरू की, तो कांग्रेस द्वारा पहला कदम राजस्थान पुलिस एसओजी द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए राजद्रोह के आरोपों को हटाने के लिए उठाया गया था।

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