नई दिल्ली: इन दिनों संसद के दोनों सदनों में सत्ता पक्ष द्वारा दिए जा रहे भाषणों में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का जिक्र आ ही जाता है। आज भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेहरू का जिक्र करते हुए कहा कि लोकतंत्र कांग्रेस या नेहरू जी की देन नहीं है। लोकतंत्र हमारी रगों में है, हमारी परंपरा में है। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस ने अन्याय न किया होता तो सरदार पटेल देश के पहले प्रधानमंत्री होते और कश्मीर समस्या न होती।’ वहीं आपको बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने नेहरू को बेस्ट डेमोक्रेट कहा था।
कुछ समय पहले ही वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन पर एक किताब लिखी है- 'हार नहीं मानूंगा: एक अटल जीवन गाथा' नाम की इस किताब में इन दोनों नेताओं से जुड़े रोचक प्रसंग शेयर किए गए हैं।
आपातकाल के तुरंत बाद जेल से निकले वाजपेयी स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए दिल्ली के एम्स में भर्ती हुए थे। तब एम्स में वाजपेयी और देवीप्रसाद त्रिपाठी के कमरे आसपास ही थे।
डीपी त्रिपाठी उस समय की बातचीत को याद कर बताते हैं कि एक शाम वाजपेयी ने कहा कि "नेहरू से बड़ा डेमोक्रेट मैंने देखा नहीं।" उसी दौरान वाजपेयी ने शास्त्री का मूल्यांकन करते हुए कहा कि शास्त्री ईमानदार और कर्मठ थे लेकिन कमजोर नेता थे। वाजपेयी के मुताबिक शास्त्रीजी की न तो पार्टी पर पकड़ थी और न ही पार्टी के बाहर, न संसद में न ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर।