Friday, April 26, 2024
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"सोनिया गांधी और राहुल पर 'देशद्रोह' का मुकदमा हो", अजय माकन ने की राज्यवर्धन राठौड़ के खिलाफ कार्रवाई की मांग, बीजेपी सासंद बोले- अपने शब्दों पर कायम हूं

राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने लोकसभा में कहा था कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर 'देशद्रोह' का मुकदमा चलाया जाना चाहिए। इसे लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने बीजेपी सांसद राठौड़ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। वहीं, राठौड़ ने कहा कि वह अपनी टिप्पणी पर कायम हैं।

Malaika Imam Written By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Updated on: August 12, 2023 16:53 IST
सोनिया गांधी के साथ राहुल गांधी- India TV Hindi
Image Source : PTI सोनिया गांधी के साथ राहुल गांधी

लोकसभा में बीजेपी सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने हालिया टिप्पणी की थी कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर 'देशद्रोह' का मुकदमा चलाया जाना चाहिए, जिस पर राजनीतिक गलियारों में घमासान शुरू हो गया। इस बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने राज्यवर्धन राठौड़ की टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इस पर बीजेपी सांसद राठौड़ ने कहा कि मैं अपने शब्दों पर कायम हूं। बीजेपी सांसद ने शनिवार को कहा कि अगर यही सेना के किसी जवान ने किया होता, जो उन्होंने (सोनिया गांधी और राहुल गांधी) किया, तो कोर्ट मार्शल हो गया होता।

"खिलाड़ियों से नहीं मिले सोनिया गांधी-राहुल गांधी"

दरअसल, लोकसभा में गुरुवार को अविश्वास प्रस्ताव पर बहस में हिस्सा लेते हुए राठौड़ ने कहा था कि 2008 बीजिंग ओलंपिक के दौरान जहां वह मौजूद थे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने खिलाड़ियों से नहीं, बल्कि कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं से मुलाकात की थी। राठौड़ ने संसद में कहा, ''उन पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाना चाहिए।''

खिलाड़ियों से मुलाकात पर क्या बोले अजय माकन?

कांग्रेस नेता अजय माकन ने ओलंपिक खेल गांव में भारतीय खिलाड़ियों से सोनिया गांधी की मुलाकात पर एक न्यूज आर्टिकल का स्क्रीनशॉट शेयर किया और राज्यवर्धन से पूछा कि क्या यह सच है। अजय माकन ने ट्वीट किया, "अगर यह सच है, तो दिल्ली विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष के रूप में मैं अपने सदन के नेताओं से राठौड़ के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्यवाही शुरू करने का अनुरोध करता हूं।"

राठौड़ ने पूछा- अजय माकन बीच में क्यों आ रहे हैं?

वहीं, राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने अपने शब्दों पर कायम रहने की बात कह पूछा कि अजय माकन बीच में क्यों आ रहे हैं, जबकि मामला सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर है। उन्होंने कहा, "सोनिया गांधी और राहुल गांधी 2008 में बीजिंग आए थे। मैं उस समय वहां था। हमें पता चला कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी हमसे मिलने आ रहे हैं। वे हमसे मिलने नहीं आए। उनकी कार दो मिनट के लिए रुकी और वे वहां से चले गए। वे चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से मिले। अब क्यों उन पर देशद्रोह का मुकदमा नहीं चलाया जाना चाहिए? उन पर निश्चित रूप से देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाना चाहिए और मैं अपने शब्दों पर कायम हूं।"

"देश जानना चाहता है कि गुप्त समझौता क्या था?"

उन्होंने कहा, "मैंने संसद में 'देशद्रोह' क्यों कहा? क्योंकि वे चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ एक गुप्त समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए चीन में थे। वे वहां सरकारी प्रतिनिधि के रूप में नहीं गए थे। देश जानना चाहता है कि गुप्त समझौता क्या था? ऐसा कभी नहीं हुआ कि कोई राजनीतिक दल किसी प्रतिद्वंद्वी देश की पार्टी के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करे। उस समय कांग्रेस सरकार में थी। उस समझौते में आपको क्या मिला? क्या आपने देश को कमजोर किया?'' उन्होंने कहा, "अगर सेना के किसी जवान ने ऐसा किया होता, तो उस पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाता, लेकिन सेना को नियंत्रित करने वाली सत्ता ने एक गुप्त समझौते पर हस्ताक्षर किए। उन पर देशद्रोह का मुकदमा क्यों नहीं चलाया जाना चाहिए?" 

बता दें कि 2008 में कांग्रेस ने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय विकास पर एक-दूसरे से परामर्श करने के लिए चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। एमओयू पर तत्कालीन उपाध्यक्ष और पोलित ब्यूरो की स्थायी समिति के सदस्य शी जिनपिंग और राहुल गांधी ने हस्ताक्षर किए थे। यह एक पार्टी-टू-पार्टी समझौता ज्ञापन था।

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