केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा देने की इच्छा जताई और भाजपा के नवनिर्वाचित राज्यसभा सदस्य सी सदानंदन मास्टर को केंद्रीय मंत्रिमंडल में उनकी जगह दिए जाने की सिफारिश की। यहां सदानंद की मौजूदगी में एक समारोह में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए गोपी ने कहा कि सदानंद का राज्यसभा सदस्य बनना उत्तरी कन्नूर जिले की राजनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव है।
गोपी ने कहा, “मैं यहां पूरी ईमानदारी से कह रहा हूं कि मुझे हटाकर सदानंदन मास्टर को (केंद्रीय) मंत्री बनाया जाना चाहिए। मेरा मानना है कि यह केरल के राजनीतिक इतिहास में एक नया अध्याय बनेगा।” केंद्रीय पेट्रोलियम और पर्यटन राज्य मंत्री गोपी ने कहा कि वह कामना करते हैं कि सदानंदन के सांसद कार्यालय को जल्द ही मंत्री कार्यालय में बदला जाएगा। अभिनेता गोपी ने कहा कि वह राज्य के सबसे युवा भाजपा सदस्यों में से एक हैं और अक्टूबर 2016 में ही पार्टी में शामिल हुए थे। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनावों में जीत के बाद पार्टी ने उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया।
फिल्मी करियर छोड़कर मंत्री नहीं बनना चाहता था
सुरेश गोपी ने कहा, “मैं अपना फिल्मी करियर छोड़कर कभी मंत्री नहीं बनना चाहता था।” उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में उनकी आय काफी कम हुई है। उन्होंने कहा, "मैं सचमुच एक्टिंग जारी रखना चाहता हूं। मुझे और पैसे कमाने हैं। मेरी आमदनी अब पूरी तरह से बंद हो गई है।" अभिनेता-राजनेता गोपी ने कहा कि वह जनसेवा से पीछे नहीं हट रहे हैं, लेकिन पैसे की कमी के चलते उन्हें यह फैसला लेना पड़ रहा है।
राजनीतिक हिंसा के शिकार रहे हैं सदानंदन
कन्नूर जिले के भाजपा के वरिष्ठ नेता सदानंदन मास्टर राजनीतिक हिंसा के शिकार रहे हैं। 1994 में माकपा कार्यकर्ताओं के एक कथित हमले में उन्होंने अपने दोनों पैर गंवा दिए थे। गोपी ने मास्टर के राजनीतिक योगदान पर प्रकाश डाला और कहा, "मैं पूरी ईमानदारी से कह रहा हूं कि मुझे हटाकर सदानंदन मास्टर को केंद्रीय मंत्री बनाया जाना चाहिए। मेरा मानना है कि यह केरल के राजनीतिक इतिहास में एक नया अध्याय बनेगा।" मास्टर उत्तरी कन्नूर की राजनीति में काफी सम्मानित हैं। (इनपुट- पीटीआई)
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