Wednesday, May 15, 2024
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तेलंगाना के CM केसीआर ने ठाकरे, शरद पवार से की मुलाकात, कहा- जल्द अच्छा परिणाम देखने को मिलेगा

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने रविवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। साथ ही तेलंगाना के सीएम एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार से भी मिले।

Sachin Chaudhary Reported by: Sachin Chaudhary
Published on: February 20, 2022 19:45 IST
Telangana CM KCR meets to maharashtra cm uddhav thakre and NCP Chief sharad pawar- India TV Hindi
Image Source : @TELANGANACMO Telangana CM KCR meets to maharashtra cm uddhav thakre and NCP Chief sharad pawar

Highlights

  • तेलंगाना के CM केसीआर ने उद्धव ठाकरे और शरद पवार से की मुलाकात
  • दोनों मुख्यमंत्रियों ने कहा- बदलाव वक्त की जरूरत है
  • मोदी सरकार के खिलाफ क्षेत्रीय दल होंगे एकजुट?

केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष के तौर पर नए विकल्प की तलाश के लिए रविवार को तेलंगना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने मुम्बई का दौरा किया और एनसीपी सुप्रिमो शरद पवार, शिवसेना पार्टी प्रमुख और राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से उनके निवास जाकर मुलाकात की। तेलंगना के मुख्यमंत्री ने मुम्बई में कांग्रेस नेताओं से दूरी बनाते हुए बीजेपी को विकल्प देने अन्य राज्यों के बड़े नेताओं के साथ फिर से बैठक कर राजनीतिक एजेंडा सेट करने की बात कही। बैठक के बाद केसीआर और ठाकरे ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की। 

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव ने कहा कि हम सभी आगे हैदराबाद और अन्य किसी स्थान पर मिलकर बातचीत करेंगे और रास्ता तय करेंगे कि क्या करना है। जिस तरह से देश चल रहा है उसमें बदलाव आना चाहिए। हम ज़ुल्म और नाजायज़ कामों के ख़िलाफ़ लड़ना चाहते हैं। हमने कई विषयों पर लंबी चर्चा की। काफी बातों पर हमारी सहमति बनी है। हमने मिलकर आगे के लिए काम करने का फ़ैसला किया है। देश में हमारे कई भाई हैं, उनसे मेरी और उद्धव ठाकरे की बातचीत हो रही थी। 

महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाक़ात के बाद तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव ने कहा कि देश की राजनीति, विकास की गति, आज़ादी के 75 साल होने पर देश के हालात के ऊपर चर्चा करने के लिए मैं महाराष्ट आया हूं। राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिलकर प्रसन्न हो रहा हूं। सीएम केसीआर ने कहा, हमारी बैठक का अच्छा परिणाम आपको बहुत जल्द देखने को मिलेगा। देश की राजनीति और विकास को लेकर उद्धव ठाकरे के साथ लंबी चर्चा हुई है। कई विषयों पर सहमति भी बनी है।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव वैसे तो महाराष्ट्र के साथ कई सिंचाई प्रोजेक्ट और उद्योग को लेकर मीटिंग करने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिलने मुम्बई आए पर उनके इस दौरे को राजनीतिक दौरा बताते हुए केंद्रीय एजेन्सीज का दुरुपयोग और बीजेपी की नरेंद्र मोदी सरकार को विपक्ष के तौर पर नया विकल्प देने की बाते कही गयी।

KCR रविवार दोपहर 2 बजे अपने नेताओं के प्रतिनिधि मण्डल के साथ सबसे पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से उनके सरकारी निवास वर्षा पर मिलने गए। लंच डिप्लोमेसी और फिर दोनों राज्यो के सिंचाई प्रोजेक्ट समेत राष्ट्रीय राजनीति पर भी घंटेभर चर्चा हुई। इस मुलाकात के बाद केसीआर ने इसे राजनीतिक मुलाकात बताया साथ ही बीजेपी के खिलाफ अन्य राज्यों के नेताओ के साथ नए ठिकाने पर नया विकल्प तैयार करने की बात कही।

उद्धव ठाकरे और शिवसेना नेताओं ने भी राज्य में बीजेपी नेताओं के राजनीतिक हमलों के बीच भाजपा को चेताते हुए कहा कि आजकल बदले की भावना से राजनीती की जा रही है। हमारा हिन्दुत्व बदला लेना नहीं सिखाता। हम मिलकर इन सबका मुकाबला करेंगे।

उद्धव ठाकरे से मुलाकात के बाद तेलंगना के मुख्यमंत्री KCR शरद पवार से मुलाकात करने उनके निवास सिल्वर ओक पहुंचे। दोनों नेताओं के बीच भी घंटेभर बातचीत हुई। बैठक के बाद एनसीपी नेता प्रफ्फुल पटेल ने देश मे बदले राजनीतिक हालात को देख राजनीतिक मुद्दे पर भी चर्चा होने की बात कही।

केसीआर ने फिर वही बातें दोहराईं और शरद पवार के नेतृत्व में बारामती में अन्य गैर बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री बड़े नेताओं के साथ नया पॉलिटिकल फोरम बनाने की बात कही। वहीं देश के सबसे अनुभवी नेताओ में से एक शरद पवार ने हालांकि थोड़ी अलग बात कही। शरद पवार ने कहा कि आज की मुलाकात में राजनीतिक चर्चा थोड़ी कम और देश की गरीबी, बेरोजगारी और विकास के मुद्दों पर चर्चा हुई और इन्ही मुद्दों पर हम आगे फिर मिलेंगे।

शरद पवार राजनीतिक के सबसे अनुभवी और मंजे हुए नेता है। ममता बनर्जी ने भी कुछ माह पहले मुम्बई में आकर उद्धव ठाकरे और शरद पवार से मुलाकात की थी, नए विकल्प की तैयारी का संदेश दिया था लेकिन आगे कुछ ठोस नहीं हुआ। शरद पवार जानते हैं कि देश के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग राजनीतिक समस्याएं और समीकरण हैं। पता नहीं कोई नया विकल्प रूप ले पायेगा भी नहीं, लिया भी तो कब तक टिक पायेगा? ऐसे में अभी से मोदी सरकार के खिलाफ नए विकल्प की बात करना ठीक नहीं होगा। पवार एक तरफ अपरोक्ष रूप से कांग्रेस नेतृत्व को इशारा भी दे रहे हैं लेकिन उनकी खुलकर नाराजगी भी नहीं मोल लेना चाहते हैं क्योंकि राज्य की महाविकास आघाडी सरकार कांग्रेस के समर्थन पर ही टिकी है। 

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