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लोकसभा में श्वेत पत्र पर हो रही चर्चा, निर्मला सीतारमण दे रहीं बयान; विपक्षी सांसद कर रहे हंगामा

लोकसभा में केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा श्वेत पत्र पेश किया गया है। श्वेत पत्र को तीन हिस्सों में बांटा गया है। जिसमें एक पार्ट में यूपीए सरकार की आर्थिक नाकामियों को जिक्र है। दूसरे पार्ट में यूपीए सरकार दौरान के घोटालों का जिक्र है और तीसरे पार्ट में मोदी सरकार द्वारा किए गए रिफॉर्म के बारे में बताया गया है।

Written By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Published : Feb 09, 2024 11:55 IST, Updated : Feb 09, 2024 12:39 IST
Narendra Modi, Loksabha- India TV Hindi
Image Source : PTI वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

नई दिल्ली: गुरुवार को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने यूपीए सरकार के कार्यकाल श्वेत पत्र पेश किया। श्वेत पत्र वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा पेश किया गया। वहीं अब इस श्वेत पत्र पर लोकसभा में चर्चा जारी है। चर्चा की शुरुआत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की। इस दौरान यूपीए सरकार की योजनाओं और घोटालों को लेकर जबरदस्त हमला बोला। वित्त मंत्री ने कहा कि इनकी सरकार के दौरान हर रोज नए घोटाले सामने आते थे। हर रोज घोटालों और गबनों की ही चर्चा होती रहती थी।

कोयला घोटाला को लेकर बोला हमला 

वित्त मंत्री ने कहा कि यूपीए की सरकार के दौरान पिछले दरवाजे से सरकारी योजनाओं के ठेके बांट दिए जाते थे। सीतारमण ने कोयला घोटाले पर बोलते हुए कहा कि यूपीए की सरकार के दौरान कोयले को राख बना दिया और हमारी सरकार ने कोयले को हीरा बना दिया। वित्त मंत्री ने कहा कि इनकी सरकार में गुटका बनाने वाली कंपनियों को कोयले की खदानों का ठेका दे दिया जाता था लेकिन मोदी सरकार में पारदर्शी तरीके से ऑनलाइन ठेका दिया गया।

बता दें कि गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने श्वेतपत्र जारी करते हुए कहा कि 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट पर यूपीए सरकार की ओर से जारी किया गया स्पिल-ओवर प्रभावों से निपटने के लिए एक राजकोषीय प्रोत्साहन पैकेज समस्या से भी कहीं अधिक बदतर था। वित्त मंत्री ने कहा कि यूपीए सरकार को अधिक सुधारों के लिए तैयार एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था विरासत में मिली। लेकिन अपने दस वर्षों में इसे नॉन परफॉर्मिंग बना दिया।

क्यों लाया गया है श्वेत पत्र?

सरकार अर्थव्‍यवस्‍था के बारे में सदन के पटल पर श्‍वेत पत्र इसलिए ला रही है ताकि ये पता चल सके कि वर्ष 2014 तक हम कहां थे और अब कहां हैं। इस श्‍वेत पत्र का मकसद उन वर्षों के कुप्रबंधन से सबक सीखना है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में पहली बार सरकार 2014 में ही बनी थी। उसके पहले लगातार 10 वर्षों यानी 2004-14 तक मनमोहन सिंह की अगुवाई में यूपीए गठबंधन की सरकार रही थी।

क्या होता है श्वेत पत्र?

बजट सत्र में केंद्र सरकार द्वारा लाए जाने वाले श्वेत पत्र के बारे में बता दें कि यह तरह से सूचनात्मक रिपोर्ट कार्ड होता है जिसमें सरकार की नीतियों, कामकाजों और अहम मसलों को रेखांकित किया जाता है। खासतौर पर सरकारें 'श्वेत पत्र' किसी मसले पर बहस करने, सुझाव लेने या देने के साथ एक्शन के लिए लाती है।  

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