Thursday, March 28, 2024
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उत्तर प्रदेश: बेमौसम बारिश-ओलावृष्टि से हजारों हेक्टेयर फसल बर्बाद, किसान बेहाल

बेमौसम बारिश और ओलवृष्टि से प्रदेश में गेंहू, मटर, आलू और तिलहन की हजारों हेक्टेयर फसलें बर्बाद हो गई हैं।

IANS Written by: IANS
Updated on: March 07, 2020 12:23 IST
बेमौसम बारिश-ओलावृष्टि से हजारों हेक्टेयर फसल बर्बाद- India TV Hindi
Image Source : FILE बेमौसम बारिश-ओलावृष्टि से हजारों हेक्टेयर फसल बर्बाद

लखनऊ: बेमौसम बारिश और ओलवृष्टि से प्रदेश में गेंहू, मटर, आलू और तिलहन की हजारों हेक्टेयर फसलें बर्बाद हो गई हैं। उत्तर प्रदेश में पूर्वाचल से लेकर पश्चिमी जिलों तक खेतों में गिरी पड़ी फसलों को देखकर किसान बेहाल हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों को तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश में एक से छह मार्च तक विभिन्न क्षेत्रों में हुई बारिश और ओले गिरने से सात जिलों में फसलों को नुकसान पहुंचा है। सात जिलों में कुल 2,37,374 किसानों की कुल 1,72,0018 हेक्टेयर फसलें प्रभावित हुई हैं।

राहत आयुक्त कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, "सिर्फ तीन जिलों-सोनभद्र, जालौन और सीतापुर में 1819.32 हेक्टेयर क्षेत्र में 33 प्रतिशत से अधिक फसलों के क्षतिग्रस्त होने की सूचना प्राप्त हुई है। फसल क्षति के सापेक्ष 5853 किसानों को 17.9 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाना है।" प्रतापगढ़ सहित पूर्वाचल के कई जिलों में गुरुवार रात के बाद शुक्रवार सुबह भी बादलों ने डेरा बनाए रखा। कई क्षेत्रों में जमकर बारिश हुई। प्रतापगढ़ में शुक्रवार को तेज हवा चलने से गेहूं और सरसों की भीगी फसल खेत में गिर गई। पकी फसल गिरने से किसानों को खासा नुकसान हुआ है।

उधर, अलीगढ़ में भी बारिश और ओलावृष्टि से आलू की 25 फीसद यानी एक चौथाई फसल बर्बाद होने की आशंका है। इसके अलावा मिर्जापुर, सोनभद्र, चन्दौली, जौनपुर, बुंदेलखण्ड, मध्य यूपी, आगरा, मथुरा, मैनपुरी में रूक-रूक कर हुई बारिश से कटने के लिए खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं। लखनऊ के जिला अधिकारी ओपी मिश्रा ने बताया, "सरसों और तोरिया की फसल को ओलावृष्टि से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। आलू और गेहूं की फसलें भी सलामत नहीं रह पाई हैं।" 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बारिश और ओलवृष्टि से प्रभावित लोगों को तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जिलाधिकारियों से कहा कि जनहानि, पशुहानि एवं मकान क्षति से प्रभावित लोगों को तत्काल सहयता दें। वहीं, प्रमुख सचिव देवेश चतुर्वेदी ने कहा कि सभी बीमित किसान, जिनकी फसलों को ओला, वर्षा व जलभराव से नुकसान हुआ है, वे उसकी सूचना प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्राविधानों के अनुसार निर्धारित समय 72 घंटे में उपलब्ध करा दें। आकाशीय बिजली से फसल की क्षति की सूचना भी 72 घंटे के अंदर देनी होगी।

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