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जरूरत से ज्यादा जिद्दी बन रहा है बच्चा, आप खुद हो सकते हैं कारण, अनजाने में पैरेंट्स कर बैठते हैं ये गलती?

Control Kids Anger: बच्चों की पैरेंट्स के लिए तो परेशानी की बात है ही साथ ही ये बच्चों के विकास के लिए भी ठीक नहीं है। जो बच्चे जिद्दी होते हैं उनके बिहेवियर में बड़े होकर भी कई तरह के कॉम्पलेक्स आ सकते हैं। बच्चे के जिद्दी होने की वजह आपकी कुछ आदतें भी हो सकती हैं।

Written By: Bharti Singh
Published : May 28, 2024 15:31 IST, Updated : May 28, 2024 15:31 IST
Kids Behavior- India TV Hindi
Image Source : FREEPIK Kids Behavior

जब बच्चे 2 साल की उम्र पार करते हैं तो अचानक से स्वभाव में बहुत गुस्सा और जिद आने लगती है। खासतौर से 2 से 5 साल की उम्र के बच्चे सबसे ज्यादा जिद्दी होते बैं। इस उम्र में बच्चों को समझाना बहुत मुश्किल हो जाता है। अगर इस आदत को सुधारा नहीं गया तो बच्चे में हर बात पर जिद करने की आदत पड़ जाती है। जब बच्चे की जिद पूरी नहीं होती तो बहुत गुस्सा करते हैं रोते हैं और पैरेंट्स को परेशान करते हैं। बच्चे के ऐसे व्यवहार का कारण कई बार माता पिता भी होते हैं। जाने-अनजाने में हम ऐसी कई गलतियां कर बैठते हैं जिससे बच्चा जिद्दी और चिड़चिड़ा हो जाता है। ऐसे बच्चों में कई तरह की बिहेवियर संबधी समस्याएं भी होने लगती हैं। जिसे समय रहते कंट्रोल करना जरूरी है।

बच्चों की जिद और गुस्से को कैसे कंट्रोल करें?

  1. जिद को डायवर्ट करें- सबसे पहले सॉल्यूशन ये है कि जब आपका बच्चा जिद करे तो उसे तुरंत किसी दूसरे काम, खेल या बात में डायवर्ट कर दें। 2 से 5 साल के बच्चे जितनी जिद करते हैं उतने ही आसानी से डायवर्ट भी हो जाते हैं। जब बच्चा जिद करे तो तुरंत किसी दूसरी बात, कहानी या प्लानिंग में उसे उलझा दें। हालांकि इसमें बच्चे के लिए कुछ एक्साइटिंग भी होना चाहिए।

  2. जिद करने पर समझाएं- बच्चा जब जिद करे तो उसकी बात ध्यान से सुनें और बच्चे की साइकोलॉजी समझने की कोशिश करें। बच्चे की जिद को एक दिन में दूर नहीं किया जा सकता है। इसके लिए आप बच्चे को लगातार समझाएं। उसे बताएं कि जिद करना अच्छी आदत नहीं होती है। हालांकि बच्चे की हर बात को ना भी न कहें।

  3. बच्चे को समय दें- बच्चों में जिद या बिहेवियर से जुड़ी समस्याएं तब ज्यादा पैदा होती हैं जब पैरेंट्स उन्हें समय नहीं देते हैं। कई बार जो बच्चे अकेले रहते हैं वो ज्यादा जिद्दी हो जाते हैं। इसलिए बच्चों के पास किसी एक बड़े का होना जरूरी है। अगर आप वर्किंग है तो जब घर पहुंचें ज्यादा से ज्यादा समय बच्चों को दें। अकेले और मेड के साथ रहने वाले बच्चे ज्यादा जिद्दी हो जाते हैं।

  4. अपना व्यवहार भी देखें- बच्चे को सुधारने की कोशिश खुद से करें। कहावत है न चैरिटी बिगेन्स एट होम, ये बिल्कुल सही है। अगर बच्चे का बर्ताव अच्छा रखना है तो सबसे पहले पेरेंट्स को बच्चों के प्रित अपना बिहेव ठीक रखना होगा। घर में जो माहौल होता है बच्चे वही सीखते हैं। इसलिए बच्चों के सामने ऊंची आवाज में बात करना, चिल्लाना या लड़ाई झगड़ा बिल्कुल भी न करें।

  5. सारी जिद पूरी न करें- आजकल सिंगल चाइल्ड होने के कारण माता पिता बच्चे की हर डिमांड को पूरा करते हैं। ऐसा करना कोई बार बच्चों को जिद्दी बना देता है। जब बच्चा किसी ऐसी चीज के लिए जिद करता है जो आप ठीक नहीं समझते और उसे पूरा नहीं करते हैं। तो बच्चा बहुत गुस्सैल और चिड़चिड़ा हो जाता है। इसलिए जरूरी है कि बच्चे की हर बात या जिद पूरी न करें। बच्चों को पैसे का महत्व बताएं और मॉरल वैल्यू भी सिखाएं।

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