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केरल में बाढ़ के बाद 'रैट फीवर' से 12 की मौंत, जानिए आखिर क्यों है ये जानलेना

1 अगस्त से अब तक 'रैट फीवर' की वजह से 12 लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले पांच दिनो में इनमें से 150 मामले सकारात्मक पाए गए हैं।  ऐसे में रैट फीवर के कहर से लोग काफी डर गए है। जानिए आखिर क्या है ये रैट फीवर और इसके लक्षण और क्या है खतरा।

Written by: Shivani Singh @lastshivani
Published : September 04, 2018 8:43 IST
Rat Fever- India TV Hindi
Image Source : PTI Rat Fever

हेल्थ डेस्क: केरल में आई विनाशकारी बाढ़ के बाद महामारी का खतरा पैदा हो गया है। बाढ़ से प्रभावित जिलों में लेप्टोस्पायरोसिस बीमारी फैल रही है। इसे स्थानीय भाषा में 'रैट फीवर' कहा जाता है। 1 अगस्त से अब तक 'रैट फीवर' की वजह से 12 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, बाढ़ के बाद अलग-अलग बीमारियों की वजह से अब तक 54 लोगों की जान चली गई है। राज्य सरकार ने भी लोगों से अतिरिक्त सावधानी बरतने के लिए अलर्ट जारी किया है।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस बुखार के रोगियों की संख्या में बढोत्तरी हो रही है। अधिकारियों ने बताया कि लगभग 350 से अधिक लोगों में रैट फीवर की शिकायत मिली है, जिनका इलाज प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में किया जा रहा है। पिछले पांच दिनो में इनमें से 150 मामले सकारात्मक पाए गए हैं।  ऐसे में रैट फीवर के कहर से लोग काफी डर गए है। जानिए आखिर क्या है ये रैट फीवर और इसके लक्षण और क्या है खतरा। (Natioinal Nutrition Week 2018: रोजाना 350 कैलोरी से ज्यादा शुगर लेना है खतरनाक, जानें शुगर फ्री डाइट के है फायदे )

रैट फीवर क्या है?

'रैट फीवर' को लेप्टोस्पायरोसिस भी कहते हैं। ये एक तरह का बैक्टीरियल इंफेक्शन है, जिसके कारण रोगी को तेज बुखार आता है और समय पर इलाज न मिल पाने के कारण उसकी मौत हो जाती है।

लेप्टोस्पायरोसिस आमतौर पर चूहों, कुत्तों और दूसरे स्तनधारियों में पाया जाने वाला रोग है, जिसके वायरस की चपेट में इंसान भी आ जाते हैं। बाढ़ के दौरान इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि बाढ़ के समय मनुष्य, पशु और अन्य छोटे जीव एक ही जगह पर इकट्ठा हो जाते हैं और पानी के कारण इस वायरस के फैलने की संभावना भी बढ़ जाती है। (विशेषज्ञों का दावा- देशभर में 3 लाख से अधिक किडनी के रोगी)

ऐसे फैलती है ये बीमारी
इस बीमारी की चपेट में आएं हुए जानवरो को छूने से, संक्रमित पानी के संपर्क में आने से, मिट्टी और कीचड़ के संपर्क में आने से ये रोग तेजी से पैलती है। इसके अलावा इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति के थूकने, खासने, छीकने या फिर मल मूत्र से भी फैलता है। यह वायरस स्किन के बॉडी पर प्रवेश करता है।

Rat Fever

Rat Fever

क्या है रैट फीवर के लक्षण
लेप्टोस्पायरोसिस के कुछ लक्षणों ये हैं

  • तेज बुखार
  • सिरदर्द
  • ठंड लगना।
  • मांसपेशियों में दर्द
  • उल्टी
  • पीलिया
  • लाल आंखें
  • पेट दर्द
  • दस्त

किसी व्यक्ति के दूषित स्रोत के संपर्क में आने और बीमार होने के बीच का समय दो दिन से चार सप्ताह तक का हो सकता है।

रैट फीवर से ऐसे करें बचाव

  • गंदे पानी में घूमने से बचें।
  • चोट लगी हो तो उसे ठीक से ढंके।
  • बंद जूते और मोजे पहन कर चलें।
  • मधुमेह से पीड़ित लोगों के मामले में यह सावधानी खास तौर पर महत्वपूर्ण है।
  • अपने पैरों को अच्छी तरह से साफ करें और उन्हें मुलायम सूती तौलिए से सुखाएं।
  • गीले पैरों में फंगल संक्रमण हो सकता है।
  • पालतू जानवरों को जल्दी से जल्दी टीका लगवाएं, क्योंकि वे संक्रमण के संभावित वाहक हो सकते हैं।
  • अगर कहीं कट या छिल गया हो तो वहां वाटरप्रूफ प्लास्टर पहनें।
  • खाने के अच्छी तरह पकाएं। अधपका खाना कई बीमारियों को जन्म दे सकता है।
  • जितना हो सके सूखा रहने का प्रयास करें।

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