Thursday, March 28, 2024
Advertisement

भारत सहित पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहा है ये फंगल इंफेक्शन, अधिकतर मरीजों की 90 दिनों में हो जाती है मौत

हेल्थ डेस्क: स्किन पर होने वाला इंफेक्शन नॉर्मल माना जाता है। जो कि समय के साथ दवाओं का सेवन करनेसे सही हो जाता है, लेकिन इस समय भारत में एक अलग ही फंगल इंफेक्शन तेजी से फैल रह है। जिसमें किसी भी मरीज की मौत 90 दिनों के अंदर हो जाती है। जानें इसके बारें में सबकुछ ।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Published on: April 11, 2019 8:03 IST
candida auris- India TV Hindi
candida auris

हेल्थ डेस्क: स्किन पर होने वाला इंफेक्शन नॉर्मल माना जाता है। जो कि समय के साथ दवाओं का सेवन करनेसे सही हो जाता है, लेकिन इस समय भारत में एक अलग ही फंगल इंफेक्शन तेजी से फैल रह है। जिसमें किसी भी मरीज की मौत 90 दिनों के अंदर हो जाती है। कैंडिडा ऑरिस नाम के इस फंगल इंफेक्शन का कोई इलाज उपलब्ध नहीं है, जिसके कारण दुनियाभर के वैज्ञानिक चिंतित हैं। इसके अलावा इसमें किसी भी तरह की एंटी बायोटिक दवा भी काम नहीं कर रही हैं।

भारत ही नहीं ये देश भी है इस खतरनाक बीमारी के शिकार

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार ये वायरस अब तक कई लोगों की जान ले चुका है। पिछले सालों में ये वायरस स्पेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जापान और वेनेजुएला में काफी खतरनाक रूप से फैल चुका है। भारत, पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका में भी इस वायरस के फैलने का खतरा बढ़ गया है।

कैंडिडा ऑरिस के लक्षण
आमतौर पर माना जाता है कि इस बीमारी के शिकार ऐसे लोग होते है जिनका इम्यूनिटी सिस्टम बहुत ही ज्यादा कमजोर होता है। इस बीमारी के कारण मरीज को ब्लड इंफेक्शन, कान, घाव और चोट में इंफेक्शन हो जाता है। इस बीमारी के बारें में केवल ब्लड टेस्ट ही लग सकता है।

इस फंगल इंफेक्शन में नहीं होता है किसी दवा का असर
पोस्टग्रैजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च चंडीगढ़ ने देश के 27 मेडिकल इंस्टीट्यूट्स के साथ मिलकर फंगल इंफेक्शन के मरीजों पर एक अध्ययन 2011 में किया गया था, जिसमें पाया गया था कि कैंडिडा ऑरिस से प्रभावित कुल मरीजों में से 45% मरीजों की मौत 30 दिन के भीतर हो गई थी। वहीं सिर्फ 27.5% मरीजों को ही बचाया जा सका था। चिकित्सकों के अनुसार कैंडिडा ऑरिस के मरीजों की मृत्युदर इसलिए ज्यादा है, क्योंकि इस इंफेक्शन पर किसी भी उपलब्ध दवा का असर नहीं होता है।

कितना खतरनाक है ये फंगल इंफेक्शन
न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी इस रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल मई महीने में ब्रुकलिन में एक बुजुर्ग को भर्ती किया गया। ब्लड टेस्ट में पता चला कि व्यक्ति को किसी खास जीवाणु ने संक्रमित किया है। बुजुर्ग को आईसीयू में शिफ्ट किया गया, जहां 90 दिन के भीतर ही उसकी मौत हो गई। मरीज की मौत के बाद जब ICU के उस कमरे की जांच की गई, जिसमें मरीज भर्ती था, तो कमरे में मौजूद हर चीज पर कैंडिडा ऑरिस के जीवाणु पाए गए। इस खतरनाक वायरस को खत्म करने के लिए अस्पताल को विशेष उपकरणों और केमिकल्स की मदद से सफाई करनी पड़ी। इसके अलावा उस कमरे की दीवार, छत और जमीन की टाइल्स को उखाड़ कर अलग किया गया। जिससे कि वायरस को पूरी तरह खत्म हो जाए।

इन 5 सिंपल उपायों से आसानी से पा सकते है डबल चिन से निजात

World Homoeopathy Day: किडनी, थायराइड के मरीजों के लिए होम्योपैथिक दवाएं फायदेमंद, जानें डॉक्टर्स की राय

ये है दुनिया का सबसे ताकतवर सब्जी, लगातार 7 दिन करें सेवन और पाएं इन बीमारियों से निजात

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Health News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement