Tuesday, March 19, 2024
Advertisement

हर मनुष्य के जीवन का सार जुड़ा होता है इन 2 शब्दों में, अगर समझ गए तो कहलाएंगे सफल

खुशहाल जिंदगी के लिए आचार्य चाणक्य ने कई नीतियां बताई हैं। अगर आप भी अपनी जिंदगी में सुख और शांति चाहते हैं तो चाणक्य के इन सुविचारों को अपने जीवन में जरूर उतारिए।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Published on: June 16, 2021 6:05 IST
Chanakya Niti-चाणक्य नीति- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Chanakya Niti-चाणक्य नीति

आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भले ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का ये विचार प्यार और लगाव पर आधारित है।

'प्यार और लगाव में बहुत अंतर होता है। प्यार आपको आजाद करता है और लगाव आपको कमजोर करता है।' आचार्य चाणक्य 

आचार्य चाणक्य के कथन का अर्थ है कि प्यार और लगाव दोनों अलग-अलग होता है। हालांकि कई लोग इन दोनों चीजों में अंतर करने में गलती कर देते हैं। आचार्य चाणक्य के कहने का तात्पर्य है कि प्यार और लगाव में बहुत बड़ा अंतर होता है। प्यार आपको हर बंधन से आजादी प्रदान करता है जबकि लगाव आपको कमजोर बना देता है। 

Chanakya Niti: मनुष्य में जरूरत से ज्यादा धैर्य का होना बना देता है उसे कायर

असल जिंदगी में मनुष्य कई सारे रिश्तों की डोर से बंधा हुआ होता है, ये सभी रिश्ते लोगों के दिल के करीब होते हैं। जैसे कि माता-पिता, भाई-बहन, दोस्त। ये सभी रिश्ते इंसान को अंदर से मजबूत बनाते हैं। इन रिश्तों में आपको प्यार भी मिलता है और लगाव भी। लेकिन कई बार लोग प्यार को भी लगाव का नाम दे देते हैं। दरअसल, इन दोनों में ही बहुत थोड़ा अंतर होता है। 

कई बार लाख बुराइयों के बाद भी मनुष्य का एक गुण हो जाता है सब पर भारी

उदाहरण के तौर पर प्यार एक ऐसी चीज है जो इंसान को किसी भी बंधन से मुक्त कर देता है। फिर चाहे वो बंधन कोई भी क्यों ना हो। अगर एक बच्चा पढ़ने में बहुत अच्छा होता है और उसे बाहर पढ़ने का ऑफर आता है, ऐसे में उसके परिवार जन उसके भविष्य के बारे में सोचकर बाहर जाने देते हैं तो वो प्यार है। वो ये जानते हैं कि अगर उनका बच्चा बाहर जाएगा तो उसका भविष्य उज्जवल ही होगा। वहीं इसके विपरीत अगर वो उसे सिर्फ इसलिए नहीं जाने देते कि वो उसके बगैर कैसे रहेंगे तो वो लगाव है। ये वही लगाव है जो उन्हें अंदर से कमजोर कर रहा है और अपने बच्चे को बाहर भेजने से रोक रहा है। इसी वजह से आचार्य चाणक्य ने कहा है कि 'प्यार और लगाव में बहुत अंतर होता है। प्यार आपको आजाद करता है और लगाव आपको कमजोर करता है।

 

 

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Religion News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement