Friday, April 19, 2024
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मध्य प्रदेश में 10 शहरों में बढ़ाया गया लॉकडाउन, सीएम चौहान ने बैठक के बाद लिया फैसला

मध्य प्रदेश में बढ़ते कोरोना मामलों को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री लगातार बड़े फैसले ले रहे हैं। एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने डिस्ट्रिक्ट क्राइसिस कमेटी की बैठक के बाद फैसला लेते हुए 10 शहरों में लॉकडाउन बढ़ाने का निर्णय लिया है।

Anurag Amitabh Reported by: Anurag Amitabh @anuragamitabh
Updated on: April 10, 2021 16:33 IST
मध्य प्रदेश में 10 शहरों में बढ़ाया गया लॉकडाउन, सीएम चौहान ने बैठक के बाद लिया फैसला- India TV Hindi
Image Source : PTI FILE PHOTO मध्य प्रदेश में 10 शहरों में बढ़ाया गया लॉकडाउन, सीएम चौहान ने बैठक के बाद लिया फैसला

भोपाल। मध्य प्रदेश में बढ़ते कोरोना मामलों को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री लगातार बड़े फैसले ले रहे हैं। एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने डिस्ट्रिक्ट क्राइसिस कमेटी की बैठक के बाद फैसला लेते हुए 10 शहरों में लॉकडाउन बढ़ाने का निर्णय लिया है। कोरोना संक्रमण की चैन को तोड़ने के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा कदम उठाते हुए राज्य के 10 शहरों में लॉकडाउन बढ़ाने का निर्णय लिया है।

जानिए कहां बढ़ाया गया लॉकडाउन

बड़वानी, राजगढ़, विदिशा जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 19 अप्रैल की सुबह तक लॉकडाउन लागू किया गया है। कोविड महामारी की रोकथाम के क्रम में बड़वानी, राजगढ़, विदिशा जिलों में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 19 अप्रैल सुबह 6 बजे तक निरंतर लॉकडाउन रहेगा। बालाघाट, नरसिंहपुर, सिवनी जिलों शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों और जबलपुर शहर में 12 अप्रैल की रात से 22 अप्रैल की सुबह तक लॉकडाऊन रहेगा। इंदौर शहर राउ नगर महू नगर, शाजापुर शहर और उज्जैन शहर एवं उज्जैन जिले के सभी नगरों में 19 अप्रैल की सुबह 6 बजे तक निरंतर लॉकडाऊन रहेगा।

कोविड-19 के उपचार के नाम पर मरीजों का शोषण नहीं होना चाहिए : मप्र उच्च न्यायालय 

मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और मध्यप्रदेश नर्सिग होम एसोसिएशन के सदस्यों से कहा है कि कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर वे उपचार के दौरान अत्यधिक शुल्क लेकर मरीजों का शोषण नहीं करें। मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की पीठ ने बुधवार को जारी अपने आदेश में यह कहा। अदालत ने कोविड-19 मरीजों के इलाज से संबंधित दर-सूची का निर्धारण कर इसका प्रचार-प्रसार करने का सरकार को निर्देश दिया।

अदालत ने कहा , ‘‘कोविड-19 की दूसरी लहर के चलते देश के सामने मौजूदा संकट के समय में उनके (एसोसिएशन) सदस्यों को मरीजों से अधिक दर वसूल कर उनका शोषण करने से बचना चाहिए।’’ उप महाअधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने बताया कि अदालत ने प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव को निर्देश दिया कि आरटी-पीसीआर जांच, रैपिड एंटीजन टेस्ट और सीटी/एचआरसीटी स्कैन के लिये सरकार द्वारा निर्धारित दरों का व्यापक प्रचार किया जाए।

आदेश में सरकार से तय दरों/ शुल्कों से भी लोगों को अवगत कराने के लिये कहा गया है। अदालत ने यह आदेश न्याय मित्र अधिवक्ता नमन नागरथ द्वारा दायर याचिका की सुनवाई करते हुए जारी किया। याचिका के जरिए अदालत से अनुरोध किया गया था कि प्रदेश सरकार द्वारा 25 मार्च को दिये गये निर्देशों का सभी जिलों में कड़ाई से पालन करने के लिये निर्देश दिये जायें।

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