Sunday, April 28, 2024
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Madhya Pradesh Assembly Elections: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार खत्म, 230 सीटों के लिए 17 नवंबर को वोटिंग

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार का काम आज खत्म हो गया है। सूबे की 230 विधानसभा सीटों पर17 नवंबर को होनेवाले मतदान के लिए कुल 2,533 उम्मीदवार मैदान में हैं।

Reported By : Anurag Amitabh Edited By : Niraj Kumar Updated on: November 15, 2023 21:19 IST
चुनाव प्रचार के दौरान...- India TV Hindi
Image Source : PTI चुनाव प्रचार के दौरान एक जनसभा में पीएम मोदी

Madhya Pradesh Assembly Elections:  मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए आज शाम 6 बजे चुनाव प्रचार खत्म हो गया। 17 नवंबर को प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। प्रदेश में चुनाव लड़ रहे राजनीतिक दलों के नेता राज्य में घूम घूमकर जनसभाएं, रोड शो करते हुए आरोप-प्रत्यारोप और अपने उम्मीदवारों के लिए वोट मांगने के लिए कई वादे किये ।  प्रदेश के बालाघाट, मंडला और डिंडोरी के नक्सल प्रभावित जिलों में चुनाव प्रचार दोपहर तीन बजे बंद हो गया। 

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चुनाव मैदान में 2,533 उम्मीदवार 

प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए कुल 2,533 उम्मीदवार मैदान में हैं, जहां सत्ता के लिए मुख्य लड़ाई सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस के बीच है। मप्र में कम से कम 5,60,60,925 मतदाता - 2,88,25,607 पुरुष, 2,72,33,945 महिलाएं और 1,373 तीसरे लिंग के व्यक्ति - शुक्रवार को अपने मताधिकार का प्रयोग करने के पात्र हैं। प्रदेश में में एक चरण में शुक्रवार को मतदान सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक राज्य के 2,049 मतदान केंद्रों पर चलेगा। चुनाव प्रचार के आखिरी दिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, उनकी पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (तीनों भाजपा से) ने अपने-अपने उम्मीदवारों के लिए मतदाताओं को लुभाने के लिए आखिरी मिनट तक प्रयास किए। प्रचार के आखिरी दिन समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी रैलियों को संबोधित किया। 

इससे पहले मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन चुनावी सभाओं को संबोधित किया और इंदौर में एक रोड शो किया। केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी के मुख्य रणनीतिकार अमित शाह ने भी मंगलवार को जबलपुर में इतनी ही संख्या में सभाओं को संबोधित किया और रोड शो किया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और अन्य ने भी मंगलवार को अपने उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया। चुनाव प्रचार में प्रधानमंत्री मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह, मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित अन्य लोगों ने राज्य का दौरा किया और सभी 230 सीटों पर भगवा पार्टी के उम्मीदवारों के लिए समर्थन जुटाने के लिए चुनावी सभाओं को संबोधित किया। कांग्रेस अध्यक्ष खरगे, उनके पूर्ववर्ती राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी-वाद्रा, मप्र कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सहित अन्य ने अपने 230 उम्मीदवारों के लिए समर्थन जुटाने के लिए जनसभाओं को संबोधित किया। चुनाव प्रचार के दौरान विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में दरार देखी गई और इसके घटक कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा) और आम आदमी पार्टी (आप) ने चुनाव पूर्व गठबंधन में विफल रहने के बाद एक-दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार उतारे। उनके नेता भी जबानी युद्ध या शाब्दिक लड़ाई में उलझे रहे। 

पीएम मोदी ने कुल 14 जनसभाओं को किया संबोधित

बीजेपी के शीर्ष प्रचारक मोदी ने चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद प्रदेश का नौ बार दौरा किया और 14 जनसभाओं को संबोधित किया। सत्ता बरकरार रखने के लिए बीजेपी प्रधानमंत्री के करिश्मे और लोकप्रियता पर भारी भरोसा कर रही है। भगवा पार्टी का अभियान ‘‘ एमपी के मन में मोदी और मोदी के मन में एमपी'' के नारे इर्द-गिर्द बुना गया था। मोदी, शाह और अन्य भाजपा नेताओं ने राज्य और केंद्र की पिछली कांग्रेस सरकारों पर कथित तौर पर भ्रष्टाचार में शामिल होने और सार्वजनिक धन की लूट का आरोप लगाया और अयोध्या में आगामी राम मंदिर और आदिवासी समाज के कल्याण के बारे में भी बात की। बीजेपी ने इस बात पर जोर देने का कोई मौका नहीं छोड़ा कि उसने मध्य प्रदेश को 'बीमारू' (पिछड़े) श्रेणी से बाहर निकाला है, जबकि बिजली कटौती, सड़कों की दयनीय स्थिति और पानी की कमी कांग्रेस के शासन में आम बात थी और लोगों को आगाह किया कि अगर कांग्रेस सत्ता में लौटती है वह राज्य को फिर से बर्बाद कर देगी। 

जाति सर्वे के आसपास घूमता रहा कांग्रेस का चुनाव प्रचार

कांग्रेस का चुनाव प्रचार जाति सर्वेक्षण और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के कल्याण के वादे पर केंद्रित था, जो राज्य की आबादी का लगभग 48 प्रतिशत है। प्रियंका गांधी ने 12 जून को मप्र में अपनी पार्टी के अभियान की शुरुआत करते हुए भाजपा पर तीखा हमला बोला और कहा कि मप्र में 220 महीने के भाजपा शासन में 225 "घोटाले" हुए हैं। उन्होंने दावा किया कि पिछले तीन वर्षों में भाजपा सरकार द्वारा राज्य में केवल 21 सरकारी नौकरियां प्रदान की गईं। कांग्रेस के अभियान ने बेरोजगारी, महंगाई को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि राज्य में 50 प्रतिशत "कमीशन राज" व्याप्त है। चुनाव प्रचार ने अगले साल के आम चुनाव से पहले विपक्षी इंडिया गुट में दरार को सामने ला दिया, जब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कांग्रेस पर वादे के मुताबिक उनकी पार्टी को छह सीटें न देकर उन्हें धोखा देने का आरोप लगाया। 

बीएसपी ने 183 उम्मीदवार उतारे

मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने 71 उम्मीदवार उतारे हैं। इसी तरह, इंडिया ब्लाक के एक सहयोगी, आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके पंजाब समकक्ष भगवंत सिंह मान ने अपने 66 उम्मीदवारों के लिए समर्थन जुटाने के लिए 12 से अधिक रैलियों को संबोधित किया और रोड शो किए। विपक्षी ब्लाक का एक अन्य घटक जनता दल (यू) 10 निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव लड़ रहा है। मायावती के नेतृत्व वाली बसपा ने 183 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं, जबकि उसकी सहयोगी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, (एक आदिवासी संगठन) ने 45 से अधिक उम्मीदवारों को टिकट दिया है। बसपा अध्यक्ष मायावती ने 10 रैलियों को संबोधित किया और केंद्र में सत्ता में रहते हुए मंडल आयोग की रिपोर्ट पर कार्रवाई नहीं करने के लिए कांग्रेस पर हमला किया। उन्होंने और अखिलेश यादव ने अलग-अलग चुनावी सभाओं में अब जाति-आधारित सर्वेक्षण की मांग करने के लिए कांग्रेस की आलोचना की और कहा कि आजादी के बाद जब पार्टी सत्ता में थी तो उसने इस मुद्दे पर कुछ नहीं किया। 

24 अक्टूबर से अब तक एमपी में भाजपा के दिग्गजों की सभाएं

  1. शिवराज सिंह चौहान-160 सभाएं
  2. राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा-14 सभाएं 
  3. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी-15 सभाएं 
  4. अमित शाह-21 सभाएं 
  5. राजनाथ सिंह-12 सभाएं 
  6. नितिन गडकरी-तीन सभाएं 
  7. भूपेंद्र यादव-7 सभाएं 
  8. अश्विनी वैष्णव-3 सभाएं 
  9. अनुराग ठाकुर-2 सभाएं 
  10. साध्वी निरंजन ज्योति-8 सभाएं 
  11. निर्मला सीतारमण-2 सभाएं 
  12. स्मृति ईरानी- 8 सभाएं 
  13. विष्णु दत्त शर्मा भाजपा अध्यक्ष- 55 सभाएं 
  14. नरेंद्र सिंह तोमर- 38 सभाएं 
  15. ज्योतिरादित्य सिंधिया-80 सभाएं 
  16. प्रहलाद पटेल- 40 सभाएं 
  17. फग्गन सिंह कुलस्ते- 18 सभाएं 
  18. योगी आदित्यनाथ-16 सभाएं 
  19. हेमंत विश्वा शर्मा-15 सभाएं 
  20. प्रमोद सावंत-16 सभाएं 
  21. अर्जुन मुंडा-6 सभाएं 
  22. वीरेंद्र खटीक-10 सभाएं 
  23. कैलाश विजयवर्गीय-25 सभाएं 
  24. नरोत्तम मिश्रा-8 सभाएं

(इनपुट-भाषा)

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