नागपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह का चुनाव 15 मार्च से 17 मार्च के बीच होना है। बता दें कि हर 3 साल बाद RSS की प्रतिनिधि सभा में सरकार्यवाह का चुनाव होता है। RSS में संघ प्रमुख के बाद सरकार्यवाह का पद सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा नागपुर में 15 ,16 एवं 17 मार्च को बुलाई गई है, जिसमें RSS नए सर कार्यवाह का चयन किया जाएगा। RSS के चुनाव में सभी अखिल भारतीय प्रतिनिधियों के साथ-साथ लगभग 1200 से 1300 प्रतिनिधि अपने नए सरकार्वाह का चयन करते हैं।
2021 में बेंगलुरु में हुई थी चुनावी प्रक्रिया
RSS से मिली जानकारी के मुताबिक, 15 मार्च से शुरू होने वाली प्रतिनिधि सभा रेशम बाग के स्मृति भवन में संपन्न होगी। सरकार्यवाह के चुनाव की पूरी प्रक्रिया हर 3 साल के बाद नागपुर में होने वाली अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में होती है। सिर्फ 2021 को छोड़ दिया जाए तो अब तक सभी चुनावी प्रक्रिया नागपुर में हुई है। कोविड महामारी की वजह से पिछली चुनावी प्रक्रिया को नागपुर की बजाय बेंगलुरु में पूरा किया गया था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विदर्भ प्रांत के सह संघ चालक श्रीधर गाडगे ने इस संबंध में पूरी जानकारी दी।
जानें, कैसे होता है सरकार्यवाह का चयन
गाडगे ने बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सक्रिय स्वयंसेवकों पर एक प्रांतीय प्रतिनिधि का चयन होता है ,जबकि 40 प्रतिनिधि मिलकर एक अखिल भारतीय प्रतिनिधि का चयन करते हैं। इसके बाद पार्टी प्रतिनिधि प्रांत संघचालक का चुनाव करते हैं। ये सभी मिलकर सर कार्यवाह का चयन करते हैं। उन्होंने कहा कि वैसे संघ में मतदान की नौबत नहीं आती है। गाडगे ने बताया कि संघ के चुनाव की प्रक्रिया में पूरी केंद्रीय कार्यकारणी क्षेत्र और प्रांत के संघ चालक, कार्यवाह, प्रचारक और संघ की प्रतिज्ञा किए हुए सक्रिय स्वयंसेवकों की ओर से चुने गए प्रतिनिधि शामिल होते हैं।
2021 से दत्तात्रेय होसबले हैं सरकार्यवाह
गाडगे ने कहा कि चुनाव से पहले 42 प्रांत, 11क्षेत्र संघ चालक, महानगरों के संघचालक का चुनाव कर लिया जाता है। सरकार्यवाह से पहले जिला संघचालक, ,महानगर संघचालक ,विभाग संघचालक और प्रात संघचालक का चुनाव किया जाता है। इसके बाद प्रतिनिधि सभा की बैठक में सरकार्यवाह का चुनाव किया जाता है। 2021 में दत्तात्रेय होसबले चुनाव के बाद भैया जी जोशी की जगह पर पद पर आसीन हुए थे।