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मिजोरम सरकार म्यांमार शरणार्थियों के बायोमेट्रिक पंजीकरण के लिए केंद्र के निर्देश का कर रही इंतजार

राज्य के गृह विभाग के अनुसार, मिजोरम के विभिन्न हिस्सों में 12,901 बच्चों सहित कुल 33,835 म्यांमाई नागरिकों ने शरण ले रखी है। चम्फाई जिले में सबसे अधिक 14,212 म्यांमाई शरणार्थी रहते हैं।

Edited By: Mangal Yadav @MangalyYadav
Published : Jun 19, 2024 13:54 IST, Updated : Jun 19, 2024 13:56 IST
म्यांमार के शरणार्थी- India TV Hindi
Image Source : FILE-ANI म्यांमार के शरणार्थी

आइजोलः मिजोरम सरकार राज्य में 33,000 से अधिक म्यांमा शरणार्थियों का बायोमेट्रिक पंजीकरण कराने के लिए केंद्र सरकार के निर्देश का इंतजार कर रही है। राज्य के गृह विभाग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि नया बायोमेट्रिक पंजीकरण पोर्टल तैयार कर लिया गया है। उन्होंने बताया, ''हम केंद्र से निर्देश मिलने का इंतजार कर रहे हैं। निर्देश मिलते ही हम म्यांमार के नागरिकों का बायोमेट्रिक डेटा एकत्र करना शुरू कर देंगे।

मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने कही थी ये बातें

इससे पहले मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने कहा था कि डेटा एकत्र करने के लिए बायोमेट्रिक पंजीकरण पोर्टल तैयार किया गया है और निकट भविष्य में इसका उपयोग किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने म्यांमार के साथ सीमा साझा करने वाले मिजोरम और मणिपुर को राज्यों में 'अवैध प्रवासियों' का बायोमेट्रिक पंजीकरण कराने और उनकी जानकारियां एकत्र करने का निर्देश दिया था। पिछले वर्ष जून में मंत्रालय ने राज्यों को सितंबर तक यह अभियान पूरा कराने का निर्देश दिया था तथा दोनों राज्यों को एक योजना तैयार करने तथा पंजीकरण प्रक्रिया आरंभ करने का निर्देश दिया था।

सितंबर में सरकार ने लिया था ये फैसला

मिजोरम सरकार ने शुरुआत में केंद्र के निर्देशानुसार प्रशिक्षण आयोजित किया था और नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की थी, लेकिन मंत्रिपरिषद ने पिछले साल सितंबर में बैठक के दौरान म्यांमार शरणार्थियों के लिए बायोमेट्रिक और बायोग्राफिक पंजीकरण नहीं करने का निर्णय लिया था और कहा था कि उस वर्ष नवम्बर में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों के कारण ऐसा करने की सलाह नहीं दी जा सकती।

लालदुहोमा ने कहा कि राज्य में शरण लिए हुए म्यांमा और बांग्लादेश के नागरिकों को उनका बायोमेट्रिक डेटा एकत्र करने के केंद्र के निर्देश के मद्देनजर स्वदेश वापस भेजे जाने का डर है। मुख्यमंत्री ने बताया कि जनवरी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ हुई बैठक में उन्होंने आश्वासन दिया था कि पड़ोसी देशों में शांति बहाल होने तक किसी भी शरणार्थी को वापस उनके देश नहीं भेजा जाएगा। 

इनपुट-भाषा 

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