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Bollywood vs Hollywood: फि‍ल्‍म बनाने में आगे लेकिन कमाई में पीछे हैं बॉलीवुड

रोचक बात है कि यह भारतीय लड़के की कहानी है, लेकिन इसकी पटकथा लिखी है अमेरिकी लेखक रूडयार्ड किपलिंग ने और इस फि‍ल्‍म को बनाया है डायरेक्‍टर जॉन फैवरेयू ने।

Sachin Chaturvedi Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated on: April 13, 2016 16:11 IST
Box Office Economics: ज्यादा दर्शक और अधिक फिल्मों के बाद भी कमाई के मामले में Bollywood से आगे Hollywood- India TV Paisa
Box Office Economics: ज्यादा दर्शक और अधिक फिल्मों के बाद भी कमाई के मामले में Bollywood से आगे Hollywood

नई दिल्‍ली। हॉलिवुड फिल्म जंगलबुक रिलीज होने के महज 4  दिनों के अंदर करीब 50 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई कर लेने के बाद चर्चा में है। 2016 में एयरलिफ्ट के बाद जंगलबुक वीकएंड कलेक्शन के मामले में दूसरी सबसे सफल फिल्म रही। यह आंकड़ा बॉलिवुड बाजार के लिहाज से भले आपको बड़ा और चौकाने वाला लग रहा हो लेकिन हॉलिवुड फिल्मों के बाजार में यह कोई आश्चर्यचकित करने वाली बात नहीं। हॉलिवुड का जन्म भले ही बॉलिवुड से एक दशक बाद हुआ हो लेकिन कमाई, स्टारकास्ट पर खर्च, फिल्म बनाने की लागत के मामले में अब बॉलिवुड अब कही नहीं ठहरता। रोचक यह भी जानना होगा कि बॉलिवुड की टक्कर में हॉलिवुड में आधी फिल्में बनती हैं, लेकिन इसके वाबजूद कमाई के मामले में हॉलिवुड चार पैर आगे है।

दुनियाभर में हॉलिवुड से ज्यादा बॉलिवुड के दर्शक

बॉलीवुड का जन्‍म 1899 में एक शॉर्ट फि‍ल्‍म के प्रोडक्‍शन के साथ हुआ, जबकि हॉलीवुड का जन्‍म 11 साल बाद 1910 में एक बायोग्राफी मेलोड्रामा के साथ हुआ। हॉलीवुड एक साल में औसतन 500 फि‍ल्मों को निर्माण करता है और इसके दुनियाभर में 2.6 अरब दर्शक हैं, जबकि बॉलीवुड हर साल 1000 से ज्‍यादा फि‍ल्‍मों का निर्माण करता है और इनके दुनियाभर में 3 अरब दर्शक हैं। दर्शकों के मामले में बालीवुड ने 2004 में हॉलीवुड को पीछे छोड़ा था और तब से यह आगे ही बना हुआ है।

कमाई में बॉलीवुड पीछे

2006 में बॉलीवुड की कमाई 1.75 अरब डॉलर (11550करोड़ रुपए) थी, जो कि 2010 में बढ़कर 3.4 अरब डॉलर (22440 करोड़ रुपए) हो गई, जो कि हॉलीवुड के एक स्‍टूडियो की कुल कमाई का आधा है। हॉलीवुड पूरी दुनिया के लिए फि‍ल्‍मों का निर्माण करता है, जबिक भारत में केवल भारतीय परिदृश्‍य के लिहाज से फि‍ल्‍मों का निर्माण होता है। दुनियाभर में हॉलीवुड की फि‍ल्‍मों का दबदबा रहता है। दुनिया की टॉप 50 फिल्मों का निर्माण हॉलीवुड में ही हुआ है।

बॉलीवुड की सबसे बड़ी मूवी भी है हॉलीवुड के आगे बौनी

वर्ल्‍ड वाइड बॉक्‍स ऑफि‍स कलेक्‍शन के मामले में पीके 735.42 करोड़ रुपए के साथ भारत की सबसे ज्‍यादा कमाई करने वाली फि‍ल्‍म है। वहीं हॉलीवुड में अवतार का वर्ल्‍डवाइड कलेक्‍शन 2.7 अरब डॉलर (लगभगर 1780 करोड़ रुपए) है। इस एक उदाहरण से आप समझ सकते हैं कि हॉलीवुड एक फि‍ल्‍म की कमाई बॉलीवुड की टॉप 3 फि‍ल्‍मों की कमाई के बराबर है। टाइटेनिक का वर्ल्‍डवाइड कलेक्‍शन 2.1 अरब डॉलर(13860 करोड़ रुपए), द एवेंजर्स का 1.5 अरब डॉलर (9900 करोड़ रुपए), हैरी पॉटर एंड द डेथली हैलोज-2 का कलेक्‍शन 1.3 अरब डॉलर (8580 करोड़ रुपए) तथा ट्रांसफोर्मर:डार्क ऑफ द मून का कलेक्‍शन 1.1 अरब डॉलर (7260 करोड़ रुपए)है। इसकी तुलना में भारत की टॉप 10 सबसे ज्‍यादा कमाई करने वाली फि‍ल्‍में पीके(735.42 करोड़ रुपए), बजरंग भाईजान(604.23 करोड़ रुपए), धूम 3(529.97 करोड़ रुपए), चेन्‍नई एक्‍सप्रेस (395 करोड़ रुपए), 3 ईडीयट्स(392 करोड़ रुपए), प्रेम रतन धन पायो(376 करोड़ रुपए),दिलवाले (372.51 करोड़ रुपए), किक (360.12 करोड़ रुपए), बाजीराव मस्‍तानी(357.43 करोड़ रुपए), हैप्‍पी न्‍यू ईयर (336.64 करोड़ रुपए), एक था टाईगर(310 करोड़ रुपए), ये जवानी है दीवानी(302 करोड़ रुपए), कृष 3(300 करोड़ रुपए) हैं।

हॉलीवुड में प्रोडक्‍शन कॉस्‍ट है ज्‍यादा

हॉलीवुड में एक फि‍ल्‍म का औसतन प्रोडक्‍शन, मार्केटिंग और डिस्‍ट्रीब्‍यूटिंग लागत 6 करोड़ डॉलर से ज्‍यादा होती है, स्‍टार वार या हैरी पोटर जैसी फि‍ल्‍मों की लागत तो 10 करोड़ डॉलर तक है और दस में से एक के सफल होने के अवसर होते हैं। इसका मतलब है कि हॉलीवुड में जोखिम ज्‍यादा है। वहीं बॉलीवुड में बड़ी फि‍ल्‍म की औसत लागत 50 लाख डॉलर है। बॉलीवुड में बनने वाली कुल फि‍ल्‍मों से 50 फीसदी कभी रिलीज नहीं होती और औसतन रिलीज होने वाली फि‍ल्‍मों में 95 फीसदी घाटे में रहती हैं।

बॉलीवुड का एनआरआई कनेक्‍शन

तकरीबन 1.5 करोड़ भारतीय दुनिया के विभिन्‍न हिस्‍सों में रहते हैं। बॉलीवुड की 65 फीसदी कमाई इन्‍हीं के जरिये होती है। एक अनुमान के मु‍ताबिक एक एनआरआई भारतीय फि‍ल्‍मों और गीतों पर सालाना 800 डॉलर खर्च करता है। अमेरिका में 20 लाख, यूके में 15 लाख, साउथ अफ्रीका में 10 लाख भारतीय हैं, और यह बॉलीवुड के प्रमुख बाजार हैं।

हॉलीवुड नहीं है टिकट बिक्री पर निर्भर

रेवेन्‍यू के लिए हॉलीवुड फि‍ल्‍में केवल टिकट बिक्री पर निर्भर नहीं हैं। हॉलीवुड फि‍ल्‍में अपना अधिकांश रेवेन्‍यू टीवी नेटवर्क, मैगजीन, होम वीडियो आदि से जुटाती हैं। बॉलीवुड फि‍ल्‍में पूरी तरह से टिकट बिक्री पर ही निर्भर हैं। हालांकि यह ट्रेंड भारत में भी शुरू हुआ है लेकिन यह कितना सफल होगा यह तो वक्‍त ही बताएगा।

बॉलिवुड को नहीं मिल रहा इंडस्ट्री की तरह फाइनेंस

कुछ साल पहले तक मुंबई में बनने वाली फि‍ल्‍मों के लिए 70 फीसदी पैसा रियल एस्‍टेट व ज्‍वैलरी कारोबारियों तथा अंडरवर्ल्‍ड से आता था। अब कुछ सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी बॉलीवुड फि‍ल्‍मों के लिए पैसा असंगठित क्षेत्र से ही आ रहा है और बैंकों से वित्‍तीय सहायता नहीं मिल रही है। वहीं दूसरी ओर हॉलीवूड में प्रोडक्‍शन स्‍टूडियो को इंडस्‍ट्री की तरह ही एक संगठित क्षेत्र के रूप में देखा जाता है। सरकार ने 1998 में बॉलीवुड को आधिकारिक तौर पर इंडस्‍ट्री का दर्जा दिया है।

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