भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh government) ने प्रमुख पेट्रोलियम ईंधन पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस सिलेंडर पर गौमाता उपकर (cow cess) लगाने की योजना पर काम कर रही है। सरकार को उम्मीद है कि इस नए उपकर से उसे हर साल 200 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा और इस उपकर से प्राप्त राशि को गाय के कल्याण के लिए उपयोग किया जाएगा।
राज्य के पशुपालन विभाग ने यह प्रस्ताव तैयार किया है। विभाग ने पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा का उदाहरण देते हुए कहा है कि यहां पहले से ही गाय उपकर वसूला जा रहा है। पशुपालन विभाग ने पेट्रोल और डीजल पर प्रति लीटर 15 पैसे काउ सेस लगाने का सुझाव दिया है। वहीं रसोई गैस सिलेंडर पर 10 रुपये प्रति सिलेंडर का गाय उपकर लगाने का प्रस्ताव किया गया है।
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पेट्रोल और डीजल पर गाैमाता उपकर से एक साल में 120 करोड़ रुपये, जबकि रसोई गैस सिलेंडर से 83 करोड़ रुपये प्राप्त होने का अनुमान जताया गया है। 20 नवंबर को गठित गाय मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने गौमाता टैक्स लगाने के संभावित फैसले के पीछे भारतीय संस्कृति को बचाने का हवाला दिया था।
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चौहान ने लोगो से पूछा था कि मैं गौमाता के कल्याण और गौशाला बनाने के लिए धन एकत्रित करने हेतु मामूल उपकर लगाने के बारे में सोच रहा हूं, क्या यह ठीक है? चौहान ने कहा कि हमारे पूर्वज पहली रोटी गाय के लिए निकालते थे। इसी प्रकार आखिरी रोटी कुत्ते को खिलाई जाती थी। भारतीय संस्कृति में जानवरों की चिंता करने की परंपरा रही है जो अब खत्म हो रही है। इसलिए हम गाय की रक्षा के लिए लोगों से धन एकत्रित करने हेतु एक मामूली उपकर लगाने पर विचार कर रहे हैं।
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