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पुराने वाहन तोड़ने की नीति का मसौदा एक पखवाड़े में, पहले चरण में 15 लाख पुराने वाहनों को हटाने की योजना

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि पुराने वाहन की स्क्रैप (तोड़ने) की नीति का मसौदा एक पखवाड़े में तैयार कर लिया जाएगा।

Dharmender Chaudhary
Published : Aug 28, 2016 06:01 pm IST, Updated : Aug 28, 2016 06:01 pm IST
15 दिनों में तैयार हो जाएगी स्क्रैप पॉलिसी, पहले चरण में हटाए जाएंगे 15 लाख पुराने भारी वाहन- India TV Paisa
15 दिनों में तैयार हो जाएगी स्क्रैप पॉलिसी, पहले चरण में हटाए जाएंगे 15 लाख पुराने भारी वाहन

नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि पुराने वाहन की स्क्रैपिंग (तोड़ने) की नीति का मसौदा एक पखवाड़े में तैयार कर लिया जाएगा। सरकार का इरादा इसके तहत पहले चरण में 15 साल से अधिक पुराने 15 लाख भारी वाहनों को सड़कों से हटाने का है। गडकरी ने कहा, पहले चरण में हमारा इरादा 15 साल पुराने 12 से 15 लाख वाहन हटाने का है। इनमें ज्यादातर ट्रक और बसें शामिल हैं। इन वाहनों को प्रस्तावित स्वैच्छिक वाहन बेड़ा आधुनिकीकरण कार्यक्रम (वी-वीएमपी) के तहत हटाया जाएगा।

मंत्री ने कहा कि 65 प्रतिशत वाहन प्रदूषण भारी वाहनों से होता है। इन वाहनों को तोड़ने का काम कांडला जैसे औद्योगिक संकुल में किया जाएगा, जिसकी स्थापना सरकार की महत्वाकांक्षी सागरमाला परियोजना के तहत की जानी है। गडकरी ने पिछले सप्ताह इस बारे में वित्त मंत्री अरूण जेटली से मुलाकात की थी। जेटली ने इस नीति को स्वैच्छिक के बजाय अनिवार्य बनाने को कहा था। वित्त मंत्री ने यह भी कहा था कि उत्पाद शुल्क में छूट के बजाय इसके लिए कोष बजट से मुहैया कराया जाएगा। गडकरी के अनुसार नीति के तहत संभवत: प्रत्येक तोड़े जाने वाले भारी वाहन के लिए दो से तीन लाख रुपए का लाभ उपलब्ध कराया जाएगा। वी-वीएमपी के मसौदे में इससे पहले इसके दायरे में 31 मार्च, 2005 या उससे पहले खरीदे गए वाहनों को लाने का प्रावधान किया गया था।

सरकार इस बारे में जीएसटी परिषद की भी मंजूरी लेगी क्योंकि इससे कर ढांचे में संभवत: बदलाव आएगा। उन्होंने कहा कि इस नीति से अतिरिक्त वाहनों की बिक्री से 21,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा। साथ ही सुधरी हुई ईंधन दक्षता से 7,700 करोड़ रुपए के कच्चे तेल की बचत होगी। एक बार नीति को अंतिम रूप दिए जाने के बाद आयातित स्क्रैप के स्थान पर 5,500 करोड़ रुपए के घरेलू इस्पात स्क्रैप का सृजन होगा। गडकरी ने कहा कि इसका एक और सकारात्मक पक्ष यह है कि इससे रोजगार सृजन होगा। स्क्रैपिंग-रिसाइक्लिंग परिचालन तथा वाहन विनिर्माण क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोगों की जरूरत होगी।

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