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पहली तिमाही में जीएसटी, आयकर से राजस्व संग्रह उत्साहवर्धक, रिकवरी का संकेत: वित्त सचिव

आंकड़ों से मिले संकेत कि हर संभव क्षेत्र में कारोबारी गतिविधिया शुरू

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: July 23, 2020 20:46 IST
GST, IT collection in Q1 encouraging- India TV Paisa
Photo:GOOGLE

GST, IT collection in Q1 encouraging

नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में करों से राजस्व संग्रह उत्साहजनक है और इससे इस बात के संकेत मिलते हैं कि अर्थव्यवस्था लॉकडाउन लागू करते समय के अनुमान की तुलना में तेजी से वापसी कर रही है। वित्त व राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय ने बृहस्पतिवार को यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग आयकर रिटर्न दाखिल करते समय फॉर्म 26 एएस के माध्यम से सभी वित्तीय लेनदेन के आंकड़े उपलब्ध कराकर करदाताओं के बीच स्व-अनुपालन पर अमल कराना चाहता है। उन्होंने कहा कि जून में जमा हुआ 91 हजार करोड़ रुपये का माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का लगभग 70 प्रतिशत मई में हुए लेनदेन से वसूल हुआ है।

उन्होंने उद्योगमंडल फिक्की के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘जून के लिये, वर्तमान रुझानों के अनुसार, हमारे पास कुछ निश्चित संकेत हैं कि कितने लोगों ने अब तक भुगतान किया है, और साथ ही ई-वे बिल, ट्रको की आवाजाही ये सभी चीजें उत्साहजनक संकेत दे रही हैं मार्च में लॉकडाउन शुरू होने के बाद जो अनुमान लगाया जा रहा था, उसके मुकाबले अर्थव्यवस्था जल्द ही वापसी कर रही है।’’ इसके अलावा, अग्रिम कर और टीडीएस के माध्यम से, आयकर संग्रह अप्रैल-जून तिमाही में पिछले वर्ष की समान अवधि का लगभग 80 प्रतिशत रहा।

सचिव ने कहा, ‘‘ये दो आंकड़े ‘जीएसटी और आयकर’ उत्साहजनक हैं और हमें कुछ आशा भी देते हैं कि जहां भी संभव हो रहा है, व्यवसाय शुरू हो रहे हैं। लेकिन आतिथ्य, शिक्षा, पर्यटन जैसे कुछ क्षेत्र हैं, जो कठिनाई का सामना कर रहे हैं।’’ सरकार ने मई में संशोधित फॉर्म 26 एएस को अधिसूचित किया था, जिसमें करदाताओं के उच्च मूल्य वाले वित्तीय लेनदेन जैसे कि नकद जमा या निकासी, एक वित्तीय वर्ष के दौरान संपत्ति की खरीद जैसी अतिरिक्त जानकारियां हैं। यह स्वैच्छिक अनुपालन सुनिश्चित करता है और आईटी रिटर्न की ई-फाइलिंग को आसान बनाता है। पांडेय ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति अपना सारा लेन-देन एक स्थान पर देखता है, तो यह रिटर्न फाइलिंग को बहुत आसान बनाता है और ईमानदार करदाताओं की मदद करता है। यह उन व्यक्तियों को भी एक संदेश भेजता है, जो अनुपालन का उल्लंघन करने की दहलीज पर होते हैं और उन्हें कानून के सही पक्ष में लाने का भी प्रयास करता है। उन्होंने कहा, "हम जिस चीज को बढ़ावा देना चाहते हैं, वह है कि किसी को नोटिस भेजे जाने के बजाय स्वैच्छिक अनुपालन हो।’’ पांडेय ने बैंकों द्वारा डिजिटल ऋण देने के संबंध में कहा कि यदि ऋण आवेदक का कर-भुगतान प्रोफाइल बैंकों को उपलब्ध कराया जाता है, तो इससे ऋणदाताओं के लिये यह आकलन करना आसान हो जायेगा कि कितना ऋण दिया जा सकता है। उन्होंने कहा, "हमारे पास ये सभी सूचनाएं हैं, इन सूचनाओं को एक सुरक्षित तरीके से साझा किया जा सकता है हम उस पर काम कर रहे हैं। हमने विभिन्न संबंधित पक्षों के साथ बैठकें कीं, और हमें कई सुझाव मिले। हम इनके ऊपर काम कर रहे हैं।’’

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