Friday, April 26, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. साल 2030 तक इस मामले में चीन को पीछे छोड़ देगा भारत

साल 2030 तक इस मामले में चीन को पीछे छोड़ देगा भारत

भारत एलपीजी रिहायशी क्षेत्र बाजार में 2030 तक चीन को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का सबसे बड़ा खाना पकाने की गैस का बाजार बन सकता है।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: October 06, 2020 17:59 IST
India will overtake China to be the largest market for domestic LPG by 2030 । साल 2030 तक इस मामले म- India TV Paisa
Photo:PTI (FILE)

India will overtake China to be the largest market for domestic LPG by 2030 ।

नई दिल्ली. भारत एलपीजी रिहायशी क्षेत्र बाजार में 2030 तक चीन को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का सबसे बड़ा खाना पकाने की गैस का बाजार बन सकता है। शोध और परामर्श कंपनी वूड मैकिन्जी ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में यह कहा। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘घरों में तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) मांग में वृद्धि सतत रूप से जारी रहेगी। इसके सालाना संचयी रूप से 3.3 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 2030 तक 3.4 करोड़ टन के स्तर पर पहुंच जाने का अनुमान है। इसका कारण परिवार की औसत आय में वृद्धि और शहरी आबादी बढ़ने के साथ दीर्घकाल में लकड़ी समेत अन्य ठोस धुआं छोड़ने वाले ईंधन पर निर्भरता कम होगी।’’

पर्यावरण और स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के बीच सरकार निम्न आय वाले परिवार में लकड़ी और अन्य ईंधन के बजाए एलपीजी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिये योजना चला रही है। सरकार निम्न आय वर्ग को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के जरिये एलपीजी पर सब्सिडी मुहैया कर रही है। साथ ही गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले परिवार के लिये प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त एलपीजी स्टोव उपलब्ध कराये जा रहे हैं।

वूड मैकिन्जी के शोध विश्लेषक क्यूआई्रलिंग चेन ने कहा, ‘‘हालांकि देश भर में एलपीजी का दायरा 98 प्रतिशत पहुंच गया है जो 2014 के मुकाबले 42 प्रतिशत अधिक है। लेकिन उसका उपयोग अभी भी कम है। नये कनेकशन जिस गति से दिये जा रहे हैं, उस दर से सालाना सिलिंडर को भराया नहीं जाता। औसत खपत मानक 12 सिलेंडर से नीचे बना हुआ है।’

 सब्सिडी और शुरू में मुफ्त में एलपीजी स्टोव उपलब्ध कराने के बावजूद एलपीजी बायोमॉस के मुकाबले महंगी बनी हुई है। चेन ने कहा, ‘‘यह मान लिया जाए कि सरकार लगातार घरों में इस्तेमाल होने वाले एलपीजी पर पूरे दशक सब्सिडी देती है, तो यह 2030 तक सालाना 5.7 अरब डॉलर पहुंच सकती है। उस समय तक यह रिहायशी क्षेत्र के लिये दुनिया के सबसे बड़े बाजार के रूप में इस मामले में चीन को पीछे छोड़ देगा। फिलहाल चीन रिहायशी क्षेत्र के लिये दुनिया में सबसे बड़ा एलपीज मांग केंद्र है।’’

मैकिन्जी ने कहा कि हालांकि बुनियादी ढांचा के अभाव से छोटे शहरों में पाइप के जरिये खाना पकाने की गैस पहुंचाने में बाधा है। साथ ही खुदरा पीएनजी की कीमतें एलपीजी की रियायती दरों के मुकाबले महंगी बनी हुई है। इससे पीएनजी 2030 से पहले तक एलपीजी की तुलना में कम आकर्षक विकल्प है। शोध और परामर्श कंपनी के वरिष्ठ विश्लेषक विदुर सिंघल ने कहा, ‘‘वर्ष 2020 से 2030 के दौरान पीएनजी मांग मुख्य रूप से बड़े एवं मझोले (टियर 1 और टियर 2) शहरों में होंगी, सिटी गैस कंपनियां पीएनजी कनेक्शन और संबंधित ढांचागत सुविधाएं बढ़ाएंगी।

इसमें आम तौर पर निर्माण और पूर्ण रूप से वाणिज्यिक रूप से चालू होने में पांच से आठ साल का समय लगता है।’’ सिंघल ने कहा, ‘‘इसके अलावा, रिहायशी क्षेत्र में एलपीजी मांग बढ़ने के साथ और सब्सिडी की जरूरत होगी। इससे सरकार के लिये बोझ बढ़ेगा।’’ हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि सब्सिडी राशि कम भी हो सकती है क्योंकि जैसे-जैसे लोगों की आय बढ़ेगी, वे बिना सब्सिडी वाला सिलेंडर लेने को तरजीह देंगे। पीएनजी से जुड़ी ढांचागत सुविधा और एलपीजी के लिये नीतिगत समर्थन में कमी से 2030 के बाद पीएनजी मांग में वृद्धि की उम्मीद है।

सिंघल ने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि देश में रिहायशी क्षेत्र में पीएनजी मांग संचयी रूप से 12.7 प्रतिशत की दर से बढ़कर 2030 तक 2.5 अरब घन मीटर हो जाएगी जो अभी 0.8 अरब घन मीटर है। वूड मैकिन्जी ने कहा कि 2030 के अंत तक देश में रिहायशी क्षेत्र में एलपीजी की मांग देश में कुल एलपीजी माग की 82 प्रतिशत होगी जबकि प्राकृतिक गैस की मांग इसी क्षेत्र में कुल मांग का केवल केवल 3 प्रतिशत होगी। (भाषा)

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement