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अर्थव्यवस्था को मिला डबल बूस्टर: औद्योगिक उत्पादन 12% बढ़ा, खुदरा महंगाई दर 5% से नीचे आई

माइनिंग और इलेक्ट्रिसिटी उत्पादन में तेजी से एक तरफ आईआईपी में बढ़त देखने को मिली है, वहीं दूसरी तरफ खाद्य कीमतों में नरमी से खुदरा महंगाई दर में भी कमी आई है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated : October 12, 2021 19:15 IST
माइनिंग में तेजी से...- India TV Paisa
Photo:PTI

माइनिंग में तेजी से अगस्त  में औद्योगिक उत्पादन 12 प्रतिशत बढ़ा

नई दिल्ली। महामारी के दबाब से बाहर निकल रही अर्थव्यवस्था को आज डबल बूस्टर मिला है। आज जारी हुए आंकड़ों के मुताबिक अगस्त  में औद्योगिक उत्पादन 12 प्रतिशत बढ़ा है। वहीं सिंतबर के महीने में महंगाई दर घटकर 5 प्रतिशत से नीचे पहुंच गयी। अर्थव्यवस्था के लिये औद्योगिक उत्पादन मे बढ़त और महंगाई दर के नियंत्रित दायरे में रहने को सबसे अच्छा संकेत माना जाता है। आंकड़ों के मुताबिक माइनिंग और इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर में प्रोडक्शन में तेजी से एक तरफ आईआईपी में बढ़त देखने को मिली है, वहीं दूसरी तरफ खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी से खुदरा महंगाई दर में भी कमी आई है।

औद्योगित उत्पादन में बढ़त

देश के औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) में अगस्त में 11.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। अगस्त, 2021 में विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन की वृद्धि दर 9.7 प्रतिशत रही। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में खनन क्षेत्र का उत्पादन 23.6 प्रतिशत तथा बिजली क्षेत्र का उत्पादन 16 प्रतिशत बढ़ा। अगस्त, 2020 में औद्योगिक उत्पादन 7.1 प्रतिशत घटा था। चालू वित्त वर्ष के पहले पांच माह अप्रैल-अगस्त में आईआईपी में 28.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में आईआईपी में 25 प्रतिशत की गिरावट आई थी। कोरोना वायरस महामारी की वजह से पिछले साल मार्च से औद्योगिक उत्पादन प्रभावित हुआ है। उस समय इसमें 18.7 प्रतिशत की गिरावट आई थी। अप्रैल, 2020 में लॉकडाउन की वजह से औद्योगिक गतिविधियां प्रभावित होने से औद्योगिक उत्पादन 57.3 प्रतिशत घटा था। 

सितंबर में खुदरा मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत पर 
खाद्य वस्तुओं के दाम कम होने से खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर महीने में घटकर 4.35 प्रतिशत पर आ गयी। मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़े के अनुसार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति अगस्त में 5.30 प्रतिशत तथा सितंबर, 2020 में 7.27 प्रतिशत थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर इस साल सितंबर में नरम होकर 0.68 प्रतिशत रही। यह पिछले महीने 3.11 प्रतिशत के मुकाबले काफी कम है। भारतीय रिजर्व बैंक द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पर विचार करते समय मुख्य रूप से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर पर गौर करता है। सरकार ने केंद्रीय बैंक को 2 प्रतिशत घट-बढ़ के साथ खुदरा मुद्रास्फीति को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखने की जिम्मेदारी दी हुई है। आरबीआई ने 2021-22 के लिये सीपीआई आधारित मुद्रास्फीति 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में संतुलित जोखिम के साथ इसके 5.1 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4.5 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा गया है। 

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