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ज्वैलर्स की हड़ताल समाप्त होने का संकेत नहीं, दुकानें बंद

ज्वैलर्स की मांगों पर गौर करने के लिए एक समिति बिठाने के सरकार के आश्वासन के बावजूद बजट प्रस्तावों पर आभूषण व्यापारियों की हड़ताल 26वें दिन भी जारी है।

Dharmender Chaudhary Dharmender Chaudhary
Published on: March 27, 2016 8:54 IST
Jewellers Strike: ज्वैलर्स की हड़ताल समाप्त होने का संकेत नहीं, 26वें दिन भी बंद रहेंगी दुकानें- India TV Paisa
Jewellers Strike: ज्वैलर्स की हड़ताल समाप्त होने का संकेत नहीं, 26वें दिन भी बंद रहेंगी दुकानें

नई दिल्ली। ज्वैलर्स की मांगों पर गौर करने के लिए एक समिति बिठाने के सरकार के आश्वासन के बावजूद बजट प्रस्तावों पर आभूषण व्यापारियों की हड़ताल 26वें दिन भी जारी है। आभूषण कारोबारी चांदी के साधारण गहनों को छोड़ बाकी आभूषणों पर एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क लगाने के प्रस्ताव के खिलाफ हड़ताल कर रहे हैं। दिल्ली और कोलकाता सहित देश के कई हिस्सों में व्यापारियों ने अपनी दुकानों को बंद रखा। हालांकि तमिलनाडु में कई ज्वैलरी के शोरूम खुल रहे हैं।

जारी रहेगी ज्वैलर्स की हड़ताल

अखिल भारतीय सर्राफा, आभूषण विक्रेता, स्वर्णकार महासंघ (एआईबीजेएसएफ) ने 17 मार्च को राष्ट्रीय राजधानी के रामलीला मैदान में बड़ी रैली को आयोजित किया था। वे अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखे हैं हालांकि सरकार के इंस्पेक्टर राज नहीं आने देने के आश्वासन के बाद जीजेएफ, एबीजेए और जीजेईपीसी जैसे तीन प्रमुख संगठनों ने पिछले शनिवार को अपनी हड़ताल वापस ले ली थी। इस बीच सरकार ने पूर्व आर्थिक सलाहकार अशोक लाहिड़ी के नेतृत्व में आभूषण विक्रेताओं की मांगों पर गौर करने के लिए एक समिति का गठन किया है। इसे 60 दिन में सिफारिश पेश करनी है।

एक्साइज ड्यूटी रोल-बैक करने की मांग

सरकार ने वर्ष 2016-17 के बजट में ज्वैलरी पर इनपुट क्रेडिट यानी (विनिर्माण में काम आने कच्चे माल व अन्य समानों पर लगने वाले शुल्क पर छूट के लाभ) के बिना एक फीसदी या इसके लाभ के साथ 12.5 फीसदी उत्पाद शुल्क लगाने का प्रस्ताव किया है। यह शुल्क चांदी के आभूषणों पर नहीं लगेगा बशर्ते उनमें हीरे या कीमती पत्थर न जड़े हों।

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