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कपड़े की मांग को बाधित कर सकती है कोरोना की दूसरी लहर: इंड-रा

इंड-रा ने कहा कि जनवरी 2021 में वोवन (बुने हुए) फैब्रिक प्रोडक्शन में मामली सुधार हुआ है, जबकि प्रति वर्ष दर वर्ष के हिसाब से यह 21 प्रतिशत कम रहा था।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published : April 17, 2021 19:13 IST
कपड़े की मांग को बाधित कर सकती है कोरोना की दूसरी लहर: इंड-रा- India TV Paisa
Photo:PIXABAY

कपड़े की मांग को बाधित कर सकती है कोरोना की दूसरी लहर: इंड-रा

नई दिल्ली: कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर कपड़े की मांग को बाधित कर सकती है। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (इंड-रा) ने यह दावा किया है। इंड-रा ने कहा कि जनवरी 2021 में वोवन (बुने हुए) फैब्रिक प्रोडक्शन में मामली सुधार हुआ है, जबकि प्रति वर्ष दर वर्ष के हिसाब से यह 21 प्रतिशत कम रहा था। रिपोर्ट में कहा गया है कि मिश्रित और बुने हुए कपड़े में जल्दी रिकवरी देखने को मिली। इसका कारण यह भी हो सकता है कि महामारी के दौरान घर से काम वाले दौर में इस तरह के कपड़ों पर लंबी अवधि तक कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा।

इसके अलावा बुने हुए कपड़ों की निर्यात मांग 2022 की पहली तिमाही में प्रमुख गंतव्य देशों में महामारी की दूसरी लहर के दौरान जूझ रही है। इस बीच यह भी देखा गया कि रिटेलर्स द्वारा रिस्टॉकिंग के चलते दिसंबर 2020 से जनवरी 2021 के बीच इंपोर्टेड फैब्रिक की डिमांड बढ़ी। वैल्यू के आधार पर आयात की बात करें तो चीन, बांग्लादेश और वियतनाम से उच्च शिपमेंट के साथ नवंबर 2020 से जनवरी 2021 के बीच दोगुना हो गया। 

तदनुसार, एजेंसी को उम्मीद है कि महामारी के बीच बन रही परिस्थितियों के कारण खासकर शहरों में रिटेल स्पेस, मॉल, शॉपिंग सेंटर के बंद होने से घरेलू मांग में देखी जाने वाली तेजी में देरी हो सकती है।यानी कोरोना की दूसरी लहर के बीच मांग में कमी रहने की संभावना है। हाल ही में कई राज्य सरकारों ने कोविद -19 संक्रमण के बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाने के लिए स्थानीय लॉकडाउन लगाए हैं, जिससे आम नागरिकों के साथ ही उद्योगों की चिंता बढ़ गई है। इसके अलावा, कई राज्य सरकारों ने पहले ही सप्ताहांत कर्फ्यू लागू कर दिया है। इसके अतिरिक्त, मॉल, रेस्तरां और अन्य प्रकार के बाजारों को या तो बंद कर दिया गया है या उनके परिचालन समय में बदलाव किया गया है।

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