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अगले दो साल में नए घर खरीदना चाहते हैं 44 प्रतिशत भारतीय, क्या आप भी हैं इसमें शामिल

करीब 70 प्रतिशत मिलेनियल किराये के बजाय अपना घर खरीदने को तरजीह दे रहे हैं। यह रूझान 2016 के रूझान के ठीक विपरीत है, जब सर्वे में पाया गया था कि 68 प्रतिशत अपने माता-पिता के साथ नहीं बल्कि किराये के घर में रहते हैं।

Sachin Chaturvedi Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated on: February 21, 2023 20:02 IST
Indian Youth- India TV Paisa
Photo:FILE Indian Youth

घर खरीदना हर इंसान का सपना होता है, युवाओं के बीच इस सपने को पूरा करने की चाहत पहले से भी अधिक तेज होती जा रही है। एक ताजा रिपोर्ट की मानें तो बड़ी संख्या में भारतीयों की अगले दो साल में अपना घर खरीदने का सपना पूरा करना चाहते हैं, वहीं किराये पर रह रहे बड़ी संख्या में भारतीय ‘‘अपना’’ घर खरीदना चाहते हैं। एक वैश्विक सर्वेक्षण में भारतीयों की अपने घर के प्रति चाह खुलकर सामने आई है। 

संपत्ति सलाहकार सीबीआरई इंडिया ने एक सर्वे के आधार पर रिपोर्ट जारी की है। ‘‘भारत की आवाज: भविष्य में लोग कैसे रहेंगे, किस तरह काम करेंगे और खरीदारी करेंगे’’ शीर्षक की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सर्वे में शामिल 45 प्रतिशत भारतीय अगले दो वर्ष में नए घर में रहने जाने वाले हैं जिनमें से ज्यादातर सकिराये के बजाय अपना खुद का घर खरीदना चाहते हैं। इस वैश्विक सर्वे में दुनियाभर के 20,000 लोगों को शामिल किया गया जिनमें से 1,500 भारत से थे। 

2 साल में अपना घर 

सर्वे में शामिल भारतीय जनरेशन जेड (18-25 वर्ष), लेट मिलेनियल (26-33 वर्ष), अर्ली मिलेनियल (34-41 वर्ष), जनरेशन एक्स (42-57 वर्ष) और बेबी बूमर्स (58 वर्ष से अधिक) आयुवर्ग से थे। सर्वे में पाया गया कि प्रतिभागियों के अगले दो वर्ष में नए घर में जाने के मजबूत इरादे हैं (44 प्रतिशत, पहले के दो वर्ष में यह 31 फीसदी था)। वैश्विक और एशिया प्रशांत के लोगों की तुलना में यह आंकड़ा बहुत अधिक है। 

एसेट क्लास के बीच प्रॉपर्टी पहली पसंदः राकेश यादव

अंतरिक्ष इंडिया ग्रुप के सीएमडी राकेश यादव ने अगले दो साल में घरों की मांग बढ़ने पर प्रतिक्रिया देते हुए इंडिया टीवी से कहा कि मौजूदा समय में तमाम एसेट क्लास के बीच प्रॉपर्टी युवाओं से लेकर कारोबारियों और नौकरीपेशा वर्ग के बीच पहली पसंद बन गया है। इसकी वजह है कि प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमत है। कोरोना के बाद से लोगों को अपने घर की अहमियत समझ आई है। इससे घरों की मांग तेजी से बढ़ी है। इसके चलते प्रॉपर्टी की कीमत में उछाल आया है, जिससे रियल एस्टेट में निवेश करने वाले को जबरदस्त फायदा हुआ है। प्रॉपर्टी की कीमत बढ़ने से कैपिटल एप्रिसिएशन मिला है। वहीं, रेंट बढ़ने से रेंटल आय से कमाई भी बढ़ी है। यह ट्रेंड आने वाले दिनों में और तेज होगा। इससे घरों की मांग में और तेजी देखने को मिल सकती है। अगर आप दूसरे एसेट क्लास जैसे शेयर मार्केट, बैंक एफडी, स्मॉल सेविंग आदि पर नजर डालें तो वह प्रॉपर्टी के मुकाबले रिटर्न देने में काफी पीछे है। इसका भी फायदा प्रॉपर्टी बाजार को मिल रहा है।

25 साल से कम के युवा खरीद रहे हैं अपना घर

सीबीआरई ने कहा, ‘‘अगले दो वर्ष में नए घर में जाने की इच्छा जताने वाले सबसे अधिक भारतीय 18 से 25 साल के हैं। वहीं ऐसा कहने वाले 58 साल से अधिक के लोगों की संख्या सिर्फ 29 प्रतिशत है। यह दिखाता है कि आने वाले समय में युवा पीढ़ी की अगुवाई में घरों की मांग बढ़ेगी।’’ वहीं, रिपोर्ट में यह भी पता चला कि अगले दो वर्ष में नए घर में जाने की योजना बना रहे लोगों में से 72 प्रतिशत किराये के घर के बजाय अपना घर खरीदना चाहेंगे। 

विदेश में बसने की इच्छा

इसके अलावा, करीब 70 प्रतिशत मिलेनियल किराये के बजाय अपना घर खरीदने को तरजीह दे रहे हैं। यह रूझान 2016 के रूझान के ठीक विपरीत है, जब सर्वे में पाया गया था कि 68 प्रतिशत अपने माता-पिता के साथ नहीं बल्कि किराये के घर में रहते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, किसी और देश में बसने की इच्छा सभी आयु समूहों में भारत में सबसे ज्यादा देखी गई। 

किराये की बजाए अपने घर की चाह

सीबीआरई के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया, पश्चिम एशिया और अफ्रीका) अंशुमान मैगजीन ने कहा, ‘‘ज्यादातर प्रतिभागी घर खरीदना चाहते हैं लेकिन हमें बाकी लोगों को नहीं भूलना चाहिए जो किराये का घर लेने के इच्छुक हैं क्योंकि जनरेशन जेड के 40 प्रतिशत लोग घर खरीदने के बजाये किराये के आवास में रहने के इच्छुक हैं।’’ 

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