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बिहार में नहीं है सबसे अधिक बेरोजगारी, अकेले 28.5 फीसदी के साथ टॉप पर है यह राज्य

दिसंबर महीने के बेरोजगारी दर का आंकड़ा जारी कर दिया गया है। इस बार बिहार को सबसे अधिक बेरोजगार स्टेट का दर्जा नहीं मिला है। आइए पूरा रिपोर्ट पढ़ते हैं।

Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Published : Jan 02, 2023 14:53 IST, Updated : Jan 02, 2023 14:55 IST
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Photo:PTI बिहार में नहीं है सबसे अधिक बेरोजगारी

भारत में बेरोजगारी का आलम थमने का नाम नहीं ले रहा है। कम होते रोजगार के मौके के बीच मंदी के चलते कंपनियों की छंटनी ने और चिंता बढ़ा दी है। इसी बीच देश में बेरोजगारी की दर का आंकड़ा जारी किया गया है, जो चौंकाने वाला है।

दिसंबर में सबसे अधिक लोग हुए बेरोजगार

देश में दिसंबर 2022 में बेरोजगारी बढ़कर 8.3 प्रतिशत के उच्चस्तर पर पहुंच गई है। यह 2022 में बेरोजगारी दर का सबसे ऊंचा आंकड़ा है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी (सीएमआईई) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर में बेरोजगारी की दर आठ प्रतिशत थी, जबकि सितंबर में यह सबसे कम 6.43 प्रतिशत थी। वहीं अगस्त में यह 8.28 प्रतिशत पर थी, जो इस साल का दूसरा सबसे ऊंचा आंकड़ा था। बता दें, दिसंबर में शहरी बेरोजगारी दर 10 प्रतिशत और ग्रामीण बेरोजगारी दर 7.5 प्रतिशत थी। 

राजस्थान में सबसे अधिक बेरोजगार लोग

राज्यों की बात करें तो दिसंबर में सबसे अधिक 37.4 प्रतिशत की बेरोजगारी दर हरियाणा में थी। उसके बाद राजस्थान (28.5 प्रतिशत), दिल्ली (20.8 प्रतिशत), बिहार (19.1 प्रतिशत) और झारखंड (18 प्रतिशत) का नंबर आता है। टीमलीज सर्विसेज की सह-संस्थापक और कार्यकारी उपाध्यक्ष रितुपर्णा चक्रवर्ती ने आंकड़ों का विश्लेषण करते हुए कहा कि सीएमआईई बेरोजगारी रिपोर्ट बुरी और अच्छी खबर का एक ‘दिलचस्प गुलदस्ता’ है। 

उन्होंने कहा कि जन्म दर और मृत्यु दर और आर्थिक समृद्धि के प्रमुख संकेतकों को देखते हुए भारत के लिए चिंताजनक संभावनाओं में से एक तथ्य यह है कि काम करने वाले वर्कर की संख्या में हमारी वृद्धि धीमी हो सकती है। कुछ ऐसा ही चीन या यूरोप और अन्य विकसित अर्थव्यवस्थाओं में हुआ है। जनसांख्यिकीय लाभ निकट भविष्य में अपने अंतिम सिरे पर पहुंच सकता है। इन आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि संगठित क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा करना कितना जरूरी है।

महंगाई के चलते नहीं बढ़े रोजगार के मौके

सीआईईएल एचआर सर्विसेज के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ आदित्य नारायण मिश्रा ने कहा कि दिसंबर में नए रोजगार के कोई अवसर नहीं बने थे। सितंबर-दिसंबर के दौरान त्योहारी सीजन की वजह से उपभोक्ता सामान, वाहन और वित्तीय सेवा क्षेत्र में रोजगार के काफी अवसर बने। इनके लिए नियुक्तियां अगस्त-सितंबर में की गईं। महंगाई के दबाव की वजह से निर्माण, इंजीनियरिंग और विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार के अवसर नहीं बढ़ पाए हैं।

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