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Budget 2022: फार्मा उद्योग को भरोसा, वित्त मंत्री बढ़ाएंगी स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आवंटन

इंडियन फार्मास्युटिकल अलायंस (आईपीए) के महासचिव सुदर्शन जैन ने कहा, फार्मा क्षेत्र में कारोबार सुगमता की स्थिति को सुगम करने के लिए अतिरिक्त उपाय किए जाने चाहिए।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: January 23, 2022 17:36 IST
Budget 2022- India TV Paisa
Photo:INDIA TV

Budget 2022

Highlights

  • स्वास्थ्य क्षेत्र के बजट में 50% से ज्यादा का इजाफा होने की उम्मीद लगा रहे हैं विशेषज्ञ
  • वित्त मंत्री से फार्मा उद्योग ने निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए कदम उठाए जाने की मांग
  • इलेक्ट्रॉनिक उद्योग ने घरेलू उत्पादों की मांग बढ़ाने के लिए जीएसटी दर घटाने की मांग की

नई दिल्ली। घरेलू फार्मास्युटिकल्स (दवा) उद्योग को आगामी आम बजट से काफी उम्मीदें हैं। उद्योग का मानना है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2022-23 के बजट में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए आवंटन बढ़ाने, शोध एवं विकास गतिविधियों को प्रोत्साहन और विभिन्न दवाओं पर कर छूट को जारी रखने जैसे कदम उठाएंगी। 

जीडीपी का 3% हो हेल्थ पर आवंटन 

इसके अलावा उद्योग विभिन्न प्रक्रियाओं का सरलीकरण भी चाहता है, जिससे निजी क्षेत्र की कंपनियों के लिए कारोबार सुगमता की स्थिति बेहतर हो सकेगी। भारतीय फार्मास्युटिकल्स उत्पादकों के संगठन (ओपीपीआई) के अध्यक्ष एस श्रीधर ने कहा, बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आवंटन सकल घरेलू उत्पाद के मौजूदा 1.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 2.5 से तीन प्रतिशत किया जाना चाहिए। इसके अलावा जैव-फार्मास्युटिकल क्षेत्र में शोध एवं विकास के लिए अलग से आवंटन किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि बीते साल उद्योग ने उल्लेखनीय रफ्तार दर्ज की। विशेषरूप से कोविड-19 का टीका और दवाएं उपलब्ध कराने में उद्योग आगे रहा। श्रीधर ने कहा कि इस साल का बजट उद्योग की वृद्धि को जारी रखने और सिर्फ कोविड ही नहीं अन्य बीमारियों के लिए नवोन्मेषी स्वास्थ्य समाधानों तक पहुंच की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहेगा। उन्होंने कहा कि सरकार को दवाओं पर सीमा शुल्क छूट को जारी रखना चाहिए। यदि सरकार ऐसा नहीं करती है, तो मौजूदा परिदृश्य में इस तरह की दवाओं को उचित मूल्य पर उपलब्ध कराना संभव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि विरले प्रकार के रोगों के लिए नवोन्मेषी दवाओं पर आयात शुल्क छ्रट पर विचार किया जाना चाहिए। 

इंडियन फार्मास्युटिकल अलायंस (आईपीए) के महासचिव सुदर्शन जैन ने कहा, फार्मा क्षेत्र में कारोबार सुगमता की स्थिति को सुगम करने के लिए अतिरिक्त उपाय किए जाने चाहिए। प्रक्रियाओं को सरल और उद्योग के अनुकूल किया जाना चाहिए। साथ ही अड़चनों को दूर करने और निवेश को प्रोत्साहन के कदम उठाए जाने चाहिए।

आयात शुल्क में वृद्धि चाहते हैं इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माता

घरेलू उपकरण और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक उद्योग को आगामी बजट में तैयार माल के आयात पर सीमा शुल्क में बढ़ोतरी की उम्मीद है। उद्योग का मानना है कि इससे आयात को हतोत्साहित करने में मदद मिलेगी। उद्योग ने उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत विशिष्ट अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) तथा परियोजनाओं के स्थानीयकरण के लिए भी प्रोत्साहन की मांग की है। उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स एवं उपकरण विनिर्माता संघ (सिएमा) ने कहा कि करीब 75,000 करोड़ रुपये का उद्योग कुछ ऐसे फैसलों की उम्मीद कर रहा है जो घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा दें। संघ के अध्यक्ष एरिक ब्रेगेंजा ने कहा, स्थानीय विनिर्माताओं को और प्रोत्साहन देने के लिए कलपुर्जों और तैयार माल के बीच पांच प्रतिशत की शुल्क भिन्नता होनी चाहिए। इससे विनिर्माताओं को अत्यावश्यक प्रोत्साहन मिलेगा और भारत में विनिर्माण आधार तैयार करने में मदद मिलेगी।

एलईडी के लिए अलग कर संरचना बनाने की मांग 

 सिएमा ने आने वाले पांच साल के लिए एलईडी उद्योग के लिहाज से कर संरचना की रूपरेखा तैयार करने को भी कहा है ताकि निवेश और नीतिगत हस्तक्षेप की उचित योजना तैयार की जा सके। ब्रेगेंजा ने कहा कि उद्योग को उम्मीद है कि सरकार एयर कंडीशनर पर माल एवं सेवा कर घटाकर इसे 18 प्रतिशत पर लाएगी। इसके अलावा उद्योग ने टेलीविजन (105 सेंमी स्क्रीन वाले) पर भी कर घटाने की मांग की गई। गोदरेज अप्लायंसेज में कारोबार प्रमुख और कार्यकारी उपाध्यक्ष कमल नंदी ने कहा, एयर कंडीशनर अब भी कर के 28 फीसदी के सबसे ऊंचे दायरे में आता है। हम उम्मीद करते हैं कि इसे 18 प्रतिशत के कर दायरे में लाया जाएगा।

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