कहते हैं मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती और इस सॉफ्टवेयर इंजीनियर की कहानी इसका जीता-जागता उदाहरण है। कभी पेट पालने के लिए रात-रातभर डिलीवरी का काम करने वाला ये शख्स आज महीने के 3.1 लाख रुपये कमा रहा है। यह कहानी है उस संघर्ष, जज्बे और जुनून की, जिसने एक मामूली ट्रेनिंग स्टाइपेंड पाने वाले युवक को करोड़ों के पैकेज वाला टेक प्रोफेशनल बना दिया।
संघर्ष से शुरू हुई कहानी
द इकोनॉमिक टाइम्स की एक खबर के अनुसार, शख्स की यह कहानी साल 2018 से शुरू होती है, जब वह एक आईटी कंपनी में ट्रेनी सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर जुड़ा। उसकी मासिक सैलरी मात्र 4500 रुपये थी। इतनी कम कमाई में रोजमर्रा के खर्च चलाना मुश्किल था। हालात ऐसे थे कि दिन में दफ्तर और रात में सड़क पर डिलीवरी का काम करना उसकी मजबूरी बन गया। वह तीन से चार घंटे तक लेट-नाइट डिलीवरी करता था ताकि खुद को किसी तरह संभाल सके। लेकिन उसने कभी हार नहीं मानी।
रातों की मेहनत ने बदला मुकाम
अगले 7 से 8 सालों तक उसने अपनी पूरी ताकत अपने काम में झोंक दी। दिन कंप्यूटर स्क्रीन के सामने और रातें कोडिंग में बीतती थीं। थकान और नींद की कमी के बावजूद उसने सीखना बंद नहीं किया। धीरे-धीरे उसने खुद को न सिर्फ एक डेवलपर, बल्कि एक जिम्मेदार फुल-स्टैक इंजीनियर और DevOps एक्सपर्ट के रूप में तैयार कर लिया।
अब महीने के 3.1 लाख रुपये की कमाई
आज वही शख्स एक प्रतिष्ठित आईटी कंपनी में काम करता है और उसकी मंथली इनकम 3.1 लाख रुपये है। वह अब क्लाइंट मैनेजमेंट, स्क्रम मास्टर लीडरशिप और टीम हैंडलिंग जैसे बड़े जिम्मेदारियों को निभा रहा है। उसने कहा कि यह सिर्फ पैसों की नहीं, बल्कि उस सफर की जीत है जिसमें हर दिन संघर्ष और विश्वास साथ था।
माता-पिता को दिया श्रेय
इस इंजीनियर ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया, जिन्होंने हमेशा उस पर भरोसा रखा। उनकी प्रेरणा ही वह ताकत बनी जिसने उसे कभी हारने नहीं दिया।
‘यह बस शुरुआत है’
अब जब वह आर्थिक रूप से सफल है, तो भी उसका कहना है कि “यह सिर्फ शुरुआत है।” वह अब और बड़े मुकाम हासिल करने के लिए मेहनत कर रहा है। उसकी कहानी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है और लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बन गई है कि अगर जज्बा हो, तो रात की डिलीवरी से दिन की जीत तक का सफर तय करना असंभव नहीं।



































