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रुचि सोया के FPO की बोलियां 30 मार्च तक ले सकते हैं वापस, सेबी ने दी इजाजत

रुचि सोया ने कहा, "सेबी के निर्देश के अनुरूप हम निवेशकों के संज्ञान में यह लाना चाहते हैं कि सभी बोलीकर्ताओं के पास 30 मार्च, 2022 तक अपनी बोलियां वापस लेने का विकल्प है।"

Edited by: India TV Paisa Desk
Published : March 29, 2022 11:21 IST
Sebi- India TV Paisa
Photo:FILE

Sebi

Highlights

  • रुचि सोया ने सोमवार शाम को बोलियां वापस लेने का विकल्प देने की घोषणा
  • सभी बोलीकर्ताओं के पास 30 मार्च, 2022 तक अपनी बोलियां वापस लेने का विकल्प
  • निर्गम के लिए बोली लगाने की प्रक्रिया 28 मार्च को खत्म हो चुकी है

नयी दिल्ली। पूंजी बाजार नियामक सेबी ने पतंजलि समूह की कंपनी रुचि सोया के बैंकरों को अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) के दौरान शेयरों की बिक्री के बारे में अनचाहे एसएमएस के प्रसार को लेकर सतर्क करते हुए निवेशकों को अपनी बोलियां वापस लेने का विकल्प देने को कहा है। इस निर्देश के मद्देनजर रुचि सोया ने सोमवार शाम को बोलियां वापस लेने का विकल्प देने की घोषणा की। 

रुचि सोया ने कहा, "सेबी के निर्देश के अनुरूप हम निवेशकों के संज्ञान में यह लाना चाहते हैं कि सभी बोलीकर्ताओं के पास 30 मार्च, 2022 तक अपनी बोलियां वापस लेने का विकल्प है।" हालांकि कंपनी ने कहा कि निर्गम के लिए बोली लगाने की प्रक्रिया 28 मार्च को खत्म हो चुकी है लिहाजा अब कोई भी बोली स्वीकार नहीं की जाएगी। 

कंपनी ने सेबी और शेयर बाजारों को दी गई सूचना में कहा कि एफपीओ में निवेश की संभावनाओं के बारे में सोशल मीडिया पर उसे कुछ संदेश देखने को मिले हैं जिनमें कंपनी के शेयर बाजार कीमत से कम दाम पर मिलने का उल्लेख है। कंपनी ने दावा किया कि यह संदेश न तो उसकी तरफ से और न ही उसके निदेशकों, प्रवर्तकों या समूह कंपनियों की तरफ से जारी किया गया है। 

इस बारे में कंपनी ने जांच की मांग करते हुए हरिद्वार में एक मामला भी दर्ज कराया है। करीब 4,300 करोड़ रुपये के इस निर्गम का प्रबंधन कर रहे बैंकरों के साथ सोमवार को दिन में हुई बैठक के दौरान सेबी ने बोलियां वापस लेने का विकल्प देने को कहा था। इसके लिए 30 मार्च तक का समय देने की बात कही थी। 

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) का यह कदम इस लिहाज से अहम है कि एफपीओ के दौरान रुचि सोया के निर्गम को पहले ही 3.6 गुना अधिक अभिदान मिल चुका है और बैंकों की तरफ से बोलियां वापस लेने की मंजूरी देने से बोलियों की अंतिम संख्या पर उसका असर देखा जा सकता है। रुचि सोया एंकर निवेशकों से पहले ही 1,290 करोड़ रुपये जुटा चुकी है।

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