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दालें हुई 20% तक महंगी तो एक्शन में आई सरकार, कीमतें घटाने के लिए उठाया ये कदम

अरहर का अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य दो जून को 19 प्रतिशत बढ़कर 122.68 प्रति किलोग्राम हो गया, जो एक साल पहले 103.25 रुपये प्रति किलोग्राम था।

Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published : Jun 03, 2023 12:31 IST, Updated : Jun 03, 2023 12:31 IST
Arhar Dal- India TV Paisa
Photo:FILE Arhar Dal

देश में कमजोर मानसून को देखते हुए अनाज की कीमतों पर सरकार की कड़ी नजर है। हाल के दिनों में सबसे ज्यादा बढ़ोत्तरी दालों की कीमतों में देखी जा रही है। अरहर से लेकर उड़द की दाल की कीमतों में हाल के दिनों में जोरदार इजाफा देखने को मिल रहा है। इसे देखते हुए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने जमाखोरी रोकने और मूल्य वृद्धि पर अंकुश लगाने के लिए शुक्रवार को थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, आयातकों और मिल मालिकों के लिए अक्टूबर तक अरहर और उड़द दाल की भंडारण सीमा तय कर दी है। 

दालों की कीमतों में लगी आग

केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामले के मंत्रालय ने इस संबंध में तत्काल प्रभाव से एक आदेश जारी किया है। मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अरहर का अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य दो जून को 19 प्रतिशत बढ़कर 122.68 प्रति किलोग्राम हो गया, जो एक साल पहले 103.25 रुपये प्रति किलोग्राम था। इसी तरह, उड़द दाल का औसत खुदरा मूल्य 5.26 प्रतिशत वृद्धि के साथ 110.58 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया, जो एक वर्ष पहले 105.05 रुपये प्रति किलोग्राम था। 

सरकार ने तय की भंडारण सीमा

उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने बताया, “इस आदेश के तहत, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए तुअर और उड़द भंडारण सीमा 31 अक्टूबर, 2023 तक तय कर दी गई है।” आदेश के तहत, थोक विक्रेताओं के लिए तुअर और उड़द का 200-200 टन, खुदरा विक्रेताओं और खुदरा दुकानों के लिए पांच-पांच टन और बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेताओं के लिए डिपो में 200 टन की भंडारण सीमा निर्धारित की गई है। आधिकारिक बयान के अनुसार, मिल मालिकों के लिए भंडारण सीमा पिछले तीन महीनों का उत्पादन या सालाना क्षमता का 25 प्रतिशत (जो भी ज्यादा हो) रहेगी। आयातकों को सीमा शुल्क की मंजूरी मिलने के 30 दिन से अधिक भंडारण करने की अनुमति नहीं है। 

अक्टूबर तक लागू रहेगी लिमिट

मंत्रालय ने संबंधित कानूनी संस्थाओं से उपभोक्ता मामलों के विभाग के पोर्टल एचटीटीपीएस: //एफसीएआईएनएफओडब्ल्यूईबी डॉट निक डॉट इन /पीएसपी पर भंडारण की स्थिति घोषित करने के लिए कहा है और यदि उनके पास भंडारण निर्धारित सीमा से अधिक है, तो उन्हें अधिसूचना जारी होने के 30 दिनों के भीतर इसे निर्धारित भंडारण सीमा में लाना होगा। सरकार आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए लगातार कदम उठा रही है। तुअर और उड़द पर भंडारण सीमा लागू करना इसी दिशा में उठाया गया कदम है। उपभोक्ता मामलों का विभाग राज्य सरकारों के साथ साप्ताहिक स्तर पर तुअर और उड़द दाल की भंडारण स्थित पर स्टॉक प्रकटीकरण पोर्टल के माध्यम से गहनता से नजर रखे हुए है। 

दालों का उत्पादन घटने की आशंका 

कृषि मंत्रालय के तीसरे अनुमान के अनुसार, देश का तुअर उत्पादन फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) में कम होकर 34.3 लाख टन रहने का अनुमान लगाया गया है, जो इससे पिछले वर्ष 42.2 लाख टन रहा था। वहीं, उड़द दाल का उत्पादन 27.7 लाख टन से घटकर 26.1 लाख टन रहने का अनुमान है।

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