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Disinvestment : सरकार का सपना हुआ चकनाचूर, यूक्रेन युद्ध के कारण फेल हुआ इस तेल कंपनी को बेचने का प्लान

ग्राहक न मिलने के चलते सरकार ने विनिवेश का प्लान ड्रॉप कर दिया है। इसी के साथ ही सरकार ने बिक्री का प्रस्ताव भी वापस ले लिया है।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: May 26, 2022 19:33 IST
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Photo:BPCL

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Highlights

  • ग्राहक न मिलने के चलते सरकार ने पेट्रोलियम कॉरपोरेशन के विनिवेश का प्लान ड्रॉप कर दिया
  • वेदांता समूह, अपोलो ग्लोबल मैनेजमेंट तथा आई स्क्वायर्ड कैपिटल एडवाइजर्स ने दिखाई रुचि
  • मंत्रियों के समूह ने बीपीसीएल में रणनीतिक विनिवेश के लिये रुचि पत्र प्रक्रिया बंद करने का निर्णय किया

यूक्रेन रूस युद्ध सिर्फ आपकी जेब पर ही भारी नहीं पड़ रहा है। बल्कि इस युद्ध के चलते सरकार का बिक्री प्लान भी फेल हो गया है। दरअसल सरकार इस साल तेल कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि.(बीपीसीएल) में अपनी पूरी 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचना चाह रही थी। लेकिन ग्राहक न मिलने के चलते सरकार ने विनिवेश का प्लान ड्रॉप कर दिया है। इसी के साथ ही सरकार ने बिक्री का प्रस्ताव भी वापस ले लिया है। 

बीपीसीएल की बिक्री का प्रस्ताव लेने के बाद सरकार ने एक बयान में कहा कि ज्यादातर बोलीदाताओं ने वैश्विक ऊर्जा बाजार में मौजूदा स्थिति के कारण निजीकरण में भाग लेने को लेकर असमर्थता जतायी है। सरकार ने मार्च, 2020 में बोलीदाताओं से रुचि पत्र आमंत्रित किये गये थे। नवंबर, 2020 तक कम-से-कम तीन बोलियां आयीं। लेकिन फरवरी से वैश्विक तेल बाजार में उथल पुथल मचने के बाद दो कंपनियों ने हाथ खड़े कर दिए। इससे बोली में केवल एक ही कंपनी रह गयी। 

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Image Source : FILE
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तेल में उथल पुथल ने किया प्लान चौपट 

निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने कहा कि कोविड-19 महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक स्थिति से दुनियाभर के उद्योग खासकर तेल एवं गैस क्षेत्र प्रभावित हुए हैं। दीपम ने कहा, ‘‘वैश्विक ऊर्जा बाजार में मौजूदा हालात के कारण, अधिकतर पात्र इच्छुक पक्षों (क्यूआईपी) ने बीपीसीएल के विनिवेश की मौजूदा प्रक्रिया में शामिल होने में असमर्थता व्यक्त की है। विभाग ने कहा कि इसको देखते हुए विनिवेश पर मंत्रियों के समूह ने बीपीसीएल में रणनीतिक विनिवेश के लिये रुचि पत्र प्रक्रिया बंद करने का निर्णय किया है। 

हालात बदलने पर फिर होगी कोशिश 

सरकार ने फिलहाल बीपीसीएल के विनि​वेश की प्रक्रिया को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। लेकिन अभी भी सरकार को उम्मीद है कि हालात बदलेंगे और एक बार फिर विनिवेश की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सकता है। विभाग ने कहा, ‘‘बीपीसीएल में रणनीतिक विनिवेश प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय अब स्थिति की समीक्षा के आधार पर उपयुक्त समय पर किया जाएगा।’’ 

ये तीन खरीदार आए थे सामने 

उद्योगपति अनिल अग्रवाल की खनन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी वेदांता समूह और अमेरिकी उद्यम कोष अपोलो ग्लोबल मैनेजमेंट तथा आई स्क्वायर्ड कैपिटल एडवाइजर्स ने बीपीसीएल में सरकार की 53 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने में दिलचस्पी दिखाई थी। लेकिन पेट्रोल और डीजल जैसे जीवाश्म ईंधन में घटती रुचि के बीच दोनों इकाइयां वैश्विक निवेशकों को जोड़ पाने में असमर्थ रहीं और बोली से हट गयीं। सरकार ने वित्तीय बोलियां आमंत्रित नहीं की थीं। 

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