Tuesday, December 09, 2025
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हड़ताल पर जाएंगे देशभर के 25 करोड़ कर्मचारी- बैंकिंग, डाक, परिवहन, कारखाने होंगे प्रभावित- ये है तारीख

ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस की अमरजीत कौर ने कहा कि हड़ताल में 25 करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों के हिस्सा लेने की उम्मीद है। किसान और ग्रामीण कर्मचारी भी देशभर में होने वाले इस हड़ताल का हिस्सा बनेंगे।

Edited By: Sunil Chaurasia
Published : Jul 07, 2025 08:32 pm IST, Updated : Jul 07, 2025 08:32 pm IST
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Photo:PTI सरकारी विभाग और कंपनियों के दिया हड़ताल में शामिल होने का नोटिस

Nationwide Strike: बैंकिंग, इंश्योरेंस से लेकर कोल माइनिंग, हाईवे और कंस्ट्रक्शन में लगे 25 करोड़ से ज्यादा कर्मचारी 9 जुलाई को देशव्यापी हड़ताल करने जा रहे हैं। देश भर में होने वाले इस व्यापक हड़ताल से जरूरी सेवाओं का प्रभावित होना तय है। 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों और उनके सहयोगी इकाइयों के एक ग्रुप ने ‘सरकार की मजदूर विरोधी, किसान विरोधी और राष्ट्र विरोधी कॉरपोरेट-समर्थक नीतियों का विरोध करने’ के लिए इस आम हड़ताल या 'भारत बंद' का आह्वान किया है। श्रमिक संगठनों के इस ग्रुप ने ‘देशव्यापी आम हड़ताल को व्यापक रूप से सफल’ बनाने का आह्वान करते हुए कहा है कि औपचारिक और अनौपचारिक/ असंगठित अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में हड़ताल के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है।

इन क्षेत्रों पर पड़ेगा हड़ताल का सीधा असर 

ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस की अमरजीत कौर ने कहा, ‘‘हड़ताल में 25 करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों के हिस्सा लेने की उम्मीद है। किसान और ग्रामीण कर्मचारी भी देशभर में होने वाले इस हड़ताल का हिस्सा बनेंगे।’’ हिंद मजदूर सभा के हरभजन सिंह सिद्धू ने कहा कि हड़ताल के कारण बैंकिंग, डाक, कोयला खनन, कारखाने, राज्य परिवहन सेवाएं प्रभावित होंगी। ग्रुप ने बयान में कहा कि पिछले साल ग्रुप ने श्रम मंत्री मनसुख मांडविया को 17 मांगों का एक चार्टर सौंपा था। ग्रुप ने कहा कि सरकार पिछले 10 सालों से वार्षिक श्रम सम्मेलन का आयोजन नहीं कर रही है और श्रमबल के हितों के खिलाफ फैसले ले रही है। 

क्या है कर्मचारियों की मांग

बयान में कहा गया है, ‘‘हम सरकार से बेरोजगारी पर ध्यान देने, स्वीकृत पदों पर भर्ती करने, ज्यादा नौकरियों के सृजन, मनरेगा श्रमिकों के कार्य दिवसों एवं मजदूरी में बढ़ोतरी के साथ शहरी क्षेत्रों के लिए भी समान कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। लेकिन सरकार नियोक्ताओं को प्रोत्साहित करने के लिए ईएलआई (रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन) योजना लागू करने में व्यस्त है।’’ ग्रुप ने ये भी आरोप लगाया कि सरकारी विभागों में युवाओं को नियमित नियुक्तियां देने के बजाय सेवानिवृत्त लोगों को ही काम पर रखने की नीति देश की वृद्धि के लिए हानिकारक है क्योंकि 65 प्रतिशत आबादी 35 वर्ष से कम आयु की है और बेरोजगारों की संख्या 20 से 25 वर्ष के आयु वर्ग के लोगों में सबसे अधिक है। 

सरकारी विभाग और कंपनियों के दिया हड़ताल में शामिल होने का नोटिस

एनएमडीसी लिमिटेड और अन्य गैर-कोयला खनिज, इस्पात, राज्य सरकार के विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के श्रमिक नेताओं ने भी हड़ताल में शामिल होने का नोटिस दिया है। श्रमिक नेताओं ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा और कृषि श्रमिक संगठनों के संयुक्त मोर्चे ने भी इस हड़ताल को समर्थन दिया है और ग्रामीण भारत में बड़े पैमाने पर लामबंदी करने का फैसला किया है। श्रमिक संगठनों ने इसके पहले 26 नवंबर, 2020, 28-29 मार्च, 2022 और पिछले साल 16 फरवरी को भी इसी तरह की देशव्यापी हड़ताल की थी।

पीटीआई इनपुट्स के साथ

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