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अमेरिकी बैंकों के विफल होने का भारत में होगा असर, मूडीज की बात सुनकर आपका भी मूड हो जाएगा अच्छा

मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने मंगलवार को यह कहा कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र के ज्यादातर वित्तीय संस्थानों का अमेरिका के विफल बैंकों से कोई सरोकार नहीं है और सिलिकॉन वैली बैंक की तरह वे ऋण प्रतिभूति होल्डिंग को लेकर जोखिम में भी नहीं हैं।

Sachin Chaturvedi Edited By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published on: March 14, 2023 19:48 IST
Silicon valley bank- India TV Paisa
Photo:AP Silicon valley bank

अमेरिका में बैंकों के ढहने का सिलसिला जारी है। ऐसे में हर कोई 2008 के लीमन संकट के दोहराने की आशंका जता रहा है। वहीं लोगों को फिक्र इस बात की भी है कि कहीं अमेरिका का यह संकट एशिया में भी न तबाही मचा दे। लेकिन इस बीच वित्तीय संस्था मू​डीज ने बड़ी राहत देने वाली बात कही है। 

मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने मंगलवार को यह कहा कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र के ज्यादातर वित्तीय संस्थानों का अमेरिका के विफल बैंकों से कोई सरोकार नहीं है और सिलिकॉन वैली बैंक की तरह वे ऋण प्रतिभूति होल्डिंग को लेकर जोखिम में भी नहीं हैं। उल्लेखनीय है कि अमेरिकी नियामकों ने 12 मार्च को सिग्नेचर बैंक को बंद करने का निर्णय किया। इससे ठीक दो दिन पहले सिलिकॉन वैली बैंक को बंद करने का फैसला किया गया था। बड़े पैमाने पर ग्राहकों के अपने जमा निकाल लेने से ये बैंक संकट में आ गए। 

मूडीज ने कहा कि इन घटनाक्रमों से निवेशक सतर्क हो गए हैं, ऐेसे में दुनियाभर के बॉन्ड बाजारों में नकदी का संकट खड़ा हो सकता है। हालांकि संरचनात्मक कारकों की वजह से एशिया-प्रशांत के वित्तीय संस्थानों पर इसका प्रभाव सीमित ही रहने वाला है। उसने एक बयान में कहा, ‘‘एशिया-प्रशांत क्षेत्र के ज्यादातर संस्थानों का अमेरिका के विफल बैंकों से कोई सरोकार नहीं है, गिनेचुने संस्थानों का मामूली रूप से लेना-देना है। अंतत: ज्यादातर संस्थानों को ऋण प्रतिभूति होल्डिंग्स से उतना बडा घाटा होने का जोखिम नहीं है जितना कि सिलिकॉन वैली बैंक को था।’’ 

मूडीज ने कहा कि उसकी रेटिंग में शामिल एशिया-प्रशांत के बैंकों के पास संरचनात्मक रूप से स्थिर कोष और पर्याप्त नकदी है। उनके जमाकर्ता विविध क्षेत्रों से हैं और क्षेत्र के किसी भी बैंक का प्रौद्योगिकी कंपनियों से बहुत अधिक लेना-देना नहीं है। इसके अलावा इस क्षेत्र के बैंकों के जमा में आमतौर पर किसी भी एकल ग्राहक का जमा बहुत अधिक नहीं होता है। उसने कहा कि क्षेत्र के ज्यादातर बैंकों का वित्तपोषण ग्राहकों के जमा से होता है, उनका बाजार उधार भी उनकी कुल परिसंपत्तियों का औसतन करीब 16 प्रतिशत है, जो बहुत अधिक नहीं है।

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