
सहारा समूह को लेकर एक एक लेटेस्ट अपडेट है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सहारा समूह के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत 1,500 करोड़ रुपये से अधिक की नई संपत्तियां कु्र्क कर ली है। ईडी ने बुधवार को इस बात की जानकारी दी है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, फेडरल जांच एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 16 शहरों में सहारा प्राइम सिटी लिमिटेड की कुल 1,023 एकड़ जमीन कुर्क करने के लिए एक अनंतिम आदेश जारी किया था।
1023 एकड़ जमीन का कुल मूल्य
खबर के मुताबिक, 1023 एकड़ जमीन का कुल मूल्य 1,538 करोड़ रुपये (2016 सर्किल रेट के अनुसार) है। ईडी ने कहा कि एजेंसी ने एक बयान में कहा कि इन जमीनों को बेनामी लेन-देन के जरिये खरीदा गया था, जिसमें सहारा संस्थाओं से धन डायवर्ट किया गया था। बयान में कहा गया है कि ये जमीनें गुजरात, ओडिशा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान, जम्मू और कश्मीर और उत्तर प्रदेश में स्थित हैं। बीते हफ्ते, ईडी ने महाराष्ट्र के लोनावाला में स्थित एंबी वैली में 707 एकड़ जमीन कुर्क की, जिसकी कीमत 1,460 करोड़ रुपये (बाजार मूल्य) है।
500 से अधिक शिकायतें
धन शोधन का मामला विभिन्न राज्य पुलिस विभागों द्वारा दर्ज 500 से ज्यादा एफआईआर से उपजा है। ओडिशा, बिहार और राजस्थान में पुलिस द्वारा हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (एचआईसीसीएसएल) और दूसरे के खिलाफ दर्ज तीन एफआईआर, सहारा समूह की संस्थाओं और संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज 500 से अधिक ऐसी शिकायतों के अलावा, ईडी द्वारा उनका विश्लेषण किया गया है।
ईडी क्या लगाए हैं आरोप
ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप लगाया कि सहारा समूह विभिन्न संस्थाओं, जैसे एचआईसीसीएसएल, सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (एससीसीएसएल), सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी (एसयूएमसीएस), स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (एसएमसीएसएल), सहारा इंडिया कमर्शियल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एसआईसीसीएल), सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एसआईआरईसीएल), सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एसएचआईसीएल) और अन्य समूह संस्थाओं के माध्यम से पोंजी योजना चला रहा था।