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सीतारमण ने कंपनियों से MSME का बकाया 45 दिनों के अंदर चुकाने को कहा, आदेश नहीं मानने पर होगी कार्रवाई

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने निजी क्षेत्र की कंपनियों से सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (MSME) का बकाया 45 दिन के भीतर चुकाने को कहा है।

Edited By: India TV Business Desk
Published : Sep 16, 2022 18:56 IST, Updated : Sep 16, 2022 19:33 IST
सीतारमण ने कंपनियों...- India TV Paisa
Photo:PTI सीतारमण ने कंपनियों से MSME का बकाया 45 दिनों के अंदर चुकाने को कहा

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने निजी क्षेत्र की कंपनियों से सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (MSME) का बकाया 45 दिन के भीतर चुकाने को कहा है। उन्होंने इस बात को माना कि केंद्र सरकार के विभाग और उपक्रम भी MSME का बकाया समय पर नहीं दे रहे हैं। सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र, राज्य सरकारों और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों का भी एमएसएमई क्षेत्र पर बकाया है। 

बड़े कारोबारियों से वित्त मंत्री ने की थी अपील

दो दिन पहले उनकी बड़े कारोबारियों से मुलाकात हुई थी, जिनसे उन्होंने यह सुनिश्चित करने की अपील की थी कि अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहे जाने वाले छोटे व्यवसायों का बकाया समय पर चुकाया जाए। लघु उद्योग भारती के एक कार्यक्रम में सीतारमण ने कहा, ‘‘निजी क्षेत्र और उद्योग को 45 दिन के भीतर भुगतान का संकल्प लेना चाहिए और कंपनी पंजीयक में खाता पुस्तिका दाखिल करनी चाहिए, जिससे कि वह बकाया का उल्लेख कर सके। निजी क्षेत्र को भी आगे आना चाहिए।’’ 

केंद्र सरकार उठाएगी कदम

उन्होंने आगे कहा कि केंद्रीय विभाग और उपक्रम भी एमएसएमई को समय पर भुगतान नहीं कर रहे हैं। केंद्र सरकार भी इस मुद्दे का समाधान निकालने के लिए कदम उठाएगी और यह सुनिश्चित करेगी कि उसके विभाग और सार्वजनिक उपक्रम छोटे व्यवसायों को 90 दिन के भीतर भुगतान करें। उन्होंने राज्य सरकारों से भी समय पर बकाया चुकाने की अपील की। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार की योजनाएं जैसे कि ट्रेड्स (व्यापार प्राप्तियां रियायत प्रणाली) मंच और समाधान पोर्टल छोटे व्यवयासों को समय पर भुगतान दिलाने में मददगार हैं। उन्होंने एमएसएमई क्षेत्र से प्रौद्योगिकी अपनाने और प्रभावी उत्पादन के लिए कौशल प्रशिक्षण देने का अनुरोध किया। 

उद्योगों की जरूरत को समझना होगा

सीतारमण ने चेन्नई से सटे इस शिक्षण संस्थान के 10वें दीक्षांत समारोह(Convocation) में कहा, ‘‘हमें यह समझना होगा कि उद्योगों की जरूरत क्या है और वे हमारे लिए तथा दुनिया के लिए विनिर्माण के लिहाज से सक्षम हों। इसलिए ऐसे शानदार शिक्षण संस्थानों के संचालक मंडलों में उद्योग जगत के लोगों का होना बहुत महत्वपूर्ण है जो प्रतिभाओं को आकर्षित करें, सर्वश्रेष्ठ कौशल और क्षमता लाएं और जिनका प्रशिक्षण अनुभव अच्छा खासा हो, यह बहुत आवश्यक है।’’

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