भारत के छोटे और मध्यम शहर अब देश के नौकरी बाजार की ग्रोथ को नई दिशा दे रहे हैं। सितंबर 2025 की हायरिंग रिपोर्ट्स के अनुसार, टियर-2 और टियर-3 शहरों ने मेट्रो शहरों को पछाड़ते हुए रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की है। जॉब्स और टैलेंट प्लेटफॉर्म Foundit की सोमवार को जारी मासिक रिपोर्ट Foundit Insights Tracker (FIT) में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, गैर-महानगरों ने सितंबर में 21% की प्रभावशाली साल-दर-साल वृद्धि दर्ज की, जो मेट्रो शहरों की तुलना में कहीं अधिक है। यह ग्रोथ कई शहरों में केंद्रित रही, जिनमें जयपुर, लखनऊ, कोयंबटूर, इंदौर, भुवनेश्वर, कोच्चि, सूरत, नागपुर और चंडीगढ़ शामिल हैं।
किन वजहों से आई उछाल
जब मार्केट में तेजी के ट्रेंड के पीछे ई-कॉमर्स वेयरहाउसिंग और रिटेल विस्तार, नए कस्टमर सपोर्ट हब का विकास और त्योहारों के कारण पर्यटन में आई तेजी बड़ी वजह साबित हो रही हैं। कुल मिलाकर, देश की हायरिंग ग्रोथ में 17% की सालाना और 4% की मासिक वृद्धि दर्ज की गई है। यह आंकड़ा इस बात का मजबूत संकेत देता है कि यह रफ्तार केवल त्योहारों की क्षणिक मांग तक सीमित नहीं है, बल्कि बाजार में एक ठोस आधारभूत मांग भी बनी हुई है। Foundit की वाइस प्रेसिडेंट (मार्केटिंग), अनुपमा भीमराजका ने इस ट्रेंड पर कहा कि सितंबर की हायरिंग तेजी न केवल त्योहारों की मांग को दर्शाती है, बल्कि यह टियर-2 और 3 शहरों के दीर्घकालिक प्रतिभा केंद्र बनने की दिशा में हो रहे परिवर्तन को भी रेखांकित करती है। गैर-मेट्रो क्षेत्र अब प्रमुख भूमिका में हैं, जो रोजगार के परिदृश्य को अधिक विविध, विकेंद्रीकृत और लचीला बना रहे हैं।
मेट्रो शहरों में भी बनी रही मजबूती
दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, पुणे और कोलकाता जैसे मेट्रो शहरों ने भी हायरिंग में 14% की मजबूत सालाना वृद्धि बनाए रखी। इन शहरों में यह तेजी मुख्य रूप से IT, BFSI (बैंकिंग-फाइनेंस), मीडिया और एंटरटेनमेंट जैसे उच्च-विकास वाले क्षेत्रों द्वारा संचालित रही। यहां टेक, फाइनेंस और मार्केटिंग प्रोफेशनल्स की मांग लगातार बनी हुई है।
सबसे आगे रहे ये कार्यक्षेत्र
- त्योहारी और आर्थिक गति को देखते हुए, विभिन्न कार्यक्षेत्रों में भी मजबूत वृद्धि देखी गई:
- सेल्स और मार्केटिंग: 5% की सबसे अधिक वृद्धि
- कस्टमर सपोर्ट और ऑपरेशंस: 4% की वृद्धि
- क्रिएटिव और मीडिया रोल्स: 4% की बढ़त, OTT और फेस्टिव कैंपेन के चलते
- टेक्नोलॉजी और प्रोडक्ट रोल्स: 3% के साथ स्थिर
- फाइनेंस और अकाउंटिंग: मौन रूप से वृद्धि, फेस्टिव सीजन में लोन और क्रेडिट डिमांड के कारण
यह रिपोर्ट स्पष्ट करती है कि भारत का नौकरी बाजार अब कुछ मेट्रो शहरों तक सीमित नहीं है, बल्कि छोटे शहरों की नई ऊर्जा के साथ देश भर में फैल रहा है।






































