
देश में कर्ज लेने वाले युवाओं की तदाद तेजी से बढ़ी है। आज के युवा मोबाइल खरीदने से लेकर अपना शौक पूरा करने के लिए लोन लेने से नहीं हिचक रहे हैं। इसकी का असर है कि कर्ज लेने की औसत उम्र में बड़ी कमी आई है। 'पैसा बाजार' की रिपोर्ट के अनुसार, कर्ज लेने वाले लोगों की औसत उम्र में कमी आई है। पहले औसतन 47 साल की उम्र में लोग कर्ज लेते थे, जबकि अब 25 से 28 साल की उम्र में ही कर्ज लेना शुरू हो जा रहा है।
पहले लोग औसतन 47 की उम्र में लेते थे कर्ज
रिपोर्ट के अनुसार, 1960 के दशक में जन्मे लोग औसतन 47 साल की उम्र में अपना पहला कर्ज लेते थे। वहीं, 1990 के दशक में जन्मे उपभोक्ता कर्ज लेने की शुरूआत 25 से 28 वर्ष की उम्र में ही कर रहे हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि कर्ज मिलना अब पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गया है और उपभोक्ता की सोच में भी बदलाव आया है। जहां पिछली पीढ़ियां आमतौर पर अपनी कर्ज की शुरूआत होम लोन या कार लोन जैसे सुरक्षित कर्जों से करती थीं, वहीं 1990 के दशक में जन्मे उपभोक्ता आमतौर पर 25 से 28 वर्ष की उम्र में असुरक्षित माने जाने वाले क्रेडिट कार्ड, व्यक्तिगत ऋण और टिकाऊ उपभोक्ता सामानों के लिए कर्ज ले रहे हैं।
बिजनेस लोन लेने में भी औसत उम्र घटी
अध्ययन के अनुसार, पहले लोग आवासीय ऋण को उम्रदराज होने पर लेते थे लेकिन अब युवावस्था में ही लोग कर्ज लेने लगे हैं। पहले घर के लिए कर्ज लेने की औसत उम्र 41 साल (1970 के दशक में जन्मे लोगों के लिए) हुआ करती थी, वहीं अब यह घटकर 28 वर्ष (1990 के दशक में जन्मे लोगों के लिए) हो गई है। इसी तरह, कारोबार के लिए पहला कर्ज लेने की औसत उम्र भी 42 साल से घटकर 27 साल हो गई है। यह भारत में उद्यमशीलता की बढ़ती भावना और एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) के लिए कर्ज उत्पादों तक आसान पहुंच को दर्शाती है।