Know the Benefits of Post Office Savings Plans
नई दिल्ली। देश में पोस्टल सर्विस देने वाली इंडिया पोस्ट लघु बचत योजनाओं का भी संचालन करती है, जो काफी लोकप्रिय हैं। खासकर छोटे शहरों में इन बचत योजनाओं का इस्तेमाल बहुत अधिक किया जाता है। इंडिया पोस्ट 9 तरह की लघु बचत योजनाएं चलाता है बचत खाता, पांच साल की रैकरिंग डिपॉजिट, टाइम डिपॉजिट या फिक्स्ड डिपॉजिट, मंथली इनकम स्कीम अकाउंट, सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम, 15 साल के लिए पब्लिक प्रोविडेंट फंड।
पोस्ट ऑफिस की बचत योजनाओं पर सरकार द्वारा तय किए जाने वाला ब्याज मिलता है। आपको बता दें कि सरकार हर तिमाही के लिए ब्याज दरों को संशोधित करती है। पोस्ट ऑफिस की लघु बचत योजनाओं के बारे में अहम जानकारियां ये रहीं-
पोस्ट ऑफिस में कोई भी बचत खाता खोलने के लिए आपको न्यूनतम राशि जमा करने की आवश्यकता होगी। इसके तहत बचत खाता (चेक अकाउंट) के लिए 20 रुपए, बचत खाता (नॉन चेक अकाउंट) के लिए 20 रुपए, मंथली इनकम स्कीम के लिए 1500 रुपए, फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट के लिए 200 रुपए, पब्लिक प्रॉविडेंट फंड खाता के लिए 500 रुपए, सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम के लिए 1000 रुपए न्यूनतम जमा करना होगा।
पोस्ट ऑफिस बचत योजनाओं पर मिलने वाली ब्याज दर
- सेविंग्स डिपॉजिट पर 4 प्रतिशत सालाना।
- एक साल की सावधि जमा पर 7 प्रतिशत तिमाही।
- दो साल की सावधि जमा पर 7 प्रतिशत तिमाही।
- तीन साल की सावधि जमा पर 7 प्रतिशत तिमाही।
- 5 साल की सावधि जमा पर 7.80 प्रतिशत तिमाही।
- 5 साल की रैकरिंग जमा पर 7.30 प्रतिशत तिमाही।
- 5 साल की सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम पर 8.70 प्रतिशत तिमाही।
- 5 साल की मंथली इनकम स्कीम पर 7.70 प्रतिशत सालाना।
- 5 साल के राष्ट्रीय बचत पत्र पर 8 प्रतिशत सालाना।
- पब्लिक प्रोविडेंट फंड स्कीम पर 8 प्रतिशत सालाना।
- किसान विकास पत्र पर 7.7 प्रतिशत सालाना
- सुकन्या समृद्धि योजना पर 8.50 प्रतिशत सालाना
प्रीमैच्योर क्लोजर
सेविंग्स अकाउंट कभी भी बंद कराया जा सकता है। रैकरिंग डिपॉजिट के लिए तीन सालों के बाद ही प्रीमैच्योर क्लोजर की अनुमति होती है। सावधि जमा को छह महीने बाद बंद कराया जा सकता है। मंथली इनकम स्कीम को एक साल बाद बंद कराया जा सकता है। सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम को भी एक साल के बाद बंद कराया जा सकता है।
इनकम टैक्स लाभ
पोस्ट ऑफिस की कुछ बचत योजनाओं पर इनकम टैक्स लाभ भी मिलता है। ये लाभ टाइम डिपॉजिट, सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम, पब्लिक प्रॉविडेंट फंड और नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट्स पर मिलते हैं। इन योजनाओं में निवेश करने वाले निवेशक एक वित्त वर्ष में इनकम टैक्स कानून की धारा 80सी के तहत कर योग्य आय पर 1.5 लाख रुपए तक की छूट पा सकते हैं।







































