पहली अक्टूबर 2016 से ज्यादातर नई इंश्योरेंस पॉलिसी इलेक्ट्रॉनिक रूप में जारी की जाएंगी, इसलिए अब जरूरी होगा ई-इंश्योरेंस अकाउंट रखना।
देश में तेजी से इंश्योरेंस सेक्टर विस्तार कर रहा है। एजेंट्स कमीशन के चलते कई बार आपको ऐसी पॉलिसी थमा देते हैं, जिसकी वास्तव में आपको जरूरत ही नहीं होती
इरडा ने मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) के सालाना वेतन के लिए 1.5 करोड़ रुपए की सीमा तय की है जिसे पॉलिसीधारकों के कोष से दिया जा सकता है।
बीमा धारक पॉलिसी की मैच्योरिटी से पहले पैसा निकाल सकेंगे और इसके लिए कंपनियां कोई पेनाल्टी भी नहीं लगाएगी। इराडा नया नियम बनाने जा रहा है।
देश में जिस तेजी से इंश्योरेंस सेक्टर विस्तार कर रहा है, उतनी तेजी से मिस सेलिंग यानि कि गलत इंश्योरेंस पॉलिसी बेचने की घटनाएं भी बढ़ रही हैं।
इंश्योरेंस एजेंट या एडवाइजर अधिक कमीशन के चलते कई बार आपको ऐसी पॉलिसी थमा देते हैं, जिसकी वास्तव में आपको जरूरत ही नहीं होती।
बाजार आपके लिए जल्द सरल बीमा प्रोडक्ट उपलब्ध होंगे। इरडा के चेयरमैन टी एस विजयन ने कहा कि नियामक सरल बीमा उत्पाद पेश करने की दिशा में काम कर रहा है।
IRDA ने देश की इंश्योरेंस कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे अपने विग्यापनों में गारंटी और गैर-गारंटी रिटर्न की जानकारी अनिवार्य रूप से दें।
जीवन बीमा का चुनाव करते समय किसी एजेंट की ओर से दिए जाने वाले बोनस के लालच में न फंसे।
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