सरकारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, क्लोरफेनिरामाइन मैलेट और फिनाइलफ्रीन हाइड्रोक्लोराइड के फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (FDC) के सभी फॉर्मूलेशन की बिक्री, प्रोडक्शन और डिस्ट्रीब्यूशन को बैन कर दिया गया है।
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने यह निर्देश तब दिए हैं, जब उसने पाया कि कुछ एफडीसी दवाओं को सुरक्षा और प्रभावशीलता के पूर्व मूल्यांकन के बिना निर्माण, बिक्री और वितरण के लिए लाइसेंस दिया गया है, जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा को गंभीर खतरा है।
NPPA ने एक बयान में कहा, "कैलेंडर ईयर 2023 की तुलना में साल 2024 के दौरान डब्ल्यूपीआई में (+) 1.74028% का बदलाव दर्ज किया गया। दवा निर्माता इस डब्ल्यूपीआई के आधार पर अनुसूचित फॉर्मूलेशन के अधिकतम खुदरा मूल्य में बढ़ोतरी कर सकते हैं और इस संबंध में सरकार की पूर्व स्वीकृति की जरूरत नहीं होगी।"
नकली दवाओं के निर्माण, बिक्री और डिस्ट्रीब्यूशन के लिए 604 मामलों में अभियोजन शुरू किया गया है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के आंकड़ों के मुताबिक, देश में लगभग 10,500 यूनिट्स हैं जो विभिन्न प्रकार के खुराक रूपों और एपीआई का निर्माण कर रही हैं।
Medicines banned in india : रिपोर्ट में उन 49 दवाओं के बारे में बताया गया है, जो क्वालिटी टेस्ट में फेल रही हैं। इस लिस्ट में अल्केम हेल्थ साइंस, एरिस्टो फार्मास्यूटिकल्स और हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स जैसी फेमस कंपनियों के कई प्रोडक्ट्स शामिल हैं।
मैनकाइंड फार्मा के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक राजीव जुनेजा ने कहा कि आज, हम बीएसवी के 2,500 से अधिक सदस्यों का मैनकाइंड परिवार में गर्मजोशी से स्वागत करते हैं, जो हमारी रोमांचक यात्रा में एक नया अध्याय जोड़ते हैं और त्वरित विकास के लिए मंच तैयार करते हैं।
एनपीपीए को ये दवाएं बनाने वाली कंपनियों से कीमतों में बढ़ोतरी की मांग वाले आवेदन मिल रहे थे। इन आवेदनों में कंपनियों ने दवा सामग्री की बढ़ती लागत, बढ़ते उत्पादन लागत और एक्सचेंज रेट में बदलाव जैसे अलग-अलग कारणों का हवाला दिया गया है।
पैरासिटामोल टैबलेट (500 mg), मधुमेह विरोधी दवा ग्लिमेपिराइड, उच्च रक्तचाप की दवा टेल्मा एच (टेल्मिसर्टन 40 mg), एसिड रिफ्लक्स की दवा पैन डी और कैल्शियम सप्लीमेंट शेल्कल सी और डी3 दवा क्वालिटी टेस्ट में रहीं विफल।
Govt bans 156 medicines : केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय हेल्थ को नुकसान पहुंचाने वाली 156 एफडीसी दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। इनमें एंटीबायोटिक्स, एंटी-एलर्जिक्स, बुखार, हाई ब्लड प्रेशर, दर्द निवारक दवाएं और मल्टीविटामिन शामिल हैं।
दवा निर्माता ने कहा कि स्टारिजो (टेडिजोलिड फॉस्फेट) छह दिनों के लिए दिन में एक बार मौखिक उपचार है, जबकि वर्तमान मानक देखभाल के अनुसार इसे 10-14 दिनों के लिए दिन में दो बार दिया जाना चाहिए।
ब्लडप्रेशर घटाने वाली दवा हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड की गोलियां अब 11.07 रुपये की जगह 10.45 रुपये में मिलेंगी। इसी तरह, डेपाग्लिफ्लोजिन मेटफॉर्मिन हाइड्रोक्लोराइड की कीमत एक गोली के लिए 16 रुपये तय की गई है, जबकि पहले इसकी कीमत 30 रुपये थी।
केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि जब मुद्रास्फीति बढ़ती है, तो इससे कीमतों में बढ़ोतरी होती है और जब यह नीचे आती है तो दाम कम हो जाते हैं।
कंपनी का यह भी कहना है कि यह शुगर-फ्री दवा है और इसका स्वाद अच्छा है। निश्चित-खुराक वाली गोलियों के उलट, डॉक्टर हर रोगी को बेहतर ढंग से फिट करने के लिए खुराक को एडजस्ट कर सकते हैं।
तीन साल की अवधि में मोबाइल उत्पादन में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई।’ मंत्रालय के अनुसार, 2022-23 में कुल इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन 101 अरब अमेरिकी डॉलर का था जिसमें से स्मार्टफोन की हिस्सेदारी 44 अरब अमेरिकी डॉलर की थी। निर्यात 11.1 अरब अमेरिकी डॉलर का किया गया।
नए नियम के तहत दवा निर्माता कंपनियों को दवाओं पर H2/QR कोड लगाना ज़रूरी होगा। दवा का प्रॉपर और जेनरिक नाम, ब्रांड और निर्माता का नाम और पता, बैच नंबर, दवा की मैन्यूफैक्चरिंग व एक्सपायरी डेट की जानकारी भी देनी होगी।
Medicines Discount: गंभीर बीमारी से परेशान मरीजों के लिए राहत की खबर आई है। MedPlus 500 से अधिक दवाओं पर छूट देने जा रही है।
भारत में दवाओं की महंगाई के चलते बहुत से रोगी सही इलाज प्राप्त नहीं कर पाते हैं, इसी के चलते देश में जनऔषधि केंद्र खोले गए हैं, जहां 90 प्रतिशत सस्ती दवाएं मिलती हैं।
New Rates Medicines: कोरोना महामारी के बाद से दवाईयों की कीमत तेजी से बढ़ी है। जरूरी बीमारी की दवाईयां भी काफी महंगी मिल रही है।
जन-औषधि केंद्र खोलने के लिए आवेदक के पास न्यूनतम 120 वर्ग फुट की जगह होनी चाहिए। इसका आवेदन शुल्क 5,000 रुपये है।
एनपीपीए ने ट्वीट कर कहा कि सरकार एनएलईएम में सूचीबद्ध कुल 870 दवाओं में से अबतक 651 के अधिकतम मूल्य को तय कर पाई है।
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