Indian Rupee में ताजा गिरावट के पीछे US Federal Reserve के प्रमुख पॉवेल का वह बयान है, जिसमें उन्होंने आगे भी ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी की बात कही थी।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक के ब्यौरे में यह संकेत दिया गया है कि मुद्रास्फीति को कम करने के लिए आगे भी आक्रामक तरीके से ब्याज दरों में वृद्धि की जा सकती है। इस संकेत के बाद एशियाई मुद्राओं की तुलना में डॉलर मजबूत हो गया।
Dollar in Rupee: भारतीय करेंसी (Indian Currency) की वैल्यू आज 79.37 रुपये प्रति डॉलर (Dollar) हो गई है। आखिर इतना कमजोर क्यो होता चला गया रुपया? आज के एक्सप्लेनर में पढ़िए रुपये का इतिहास।
Currency Of India: भारत में रुपया शब्द का प्रयोग सबसे पहले शेर शाह सूरी ने अपने शासन (1540-1545) के दौरान किया था।
Rupee Vs dollar: आरबीआई गवर्नर ने कहा कि विदेशी मुद्रा की अप्रतिबंधित उधारी से परेशान होने की जरूरत नहीं है।
Rupee Vs dollar: बुधवार को आयातकों की भारी डॉलर मांग के कारण रुपया पहली बार 80 प्रति डॉलर के स्तर से नीचे बंद हुआ था।
Share Market: बीएसई सेंसेक्स 629.91 अंक यानी 1.15 प्रतिशत उछलकर 55,397.53 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी भी 180.30 अंक यानी 1.10 प्रतिशत मजबूत होकर 16,520.85 अंक पर बंद हुआ।
रुपया ब्रिटिश पाउंड (British Pound), जापानी येन (Japanese Yen) और यूरो (Euro) जैसी कई विदेशी मुद्राओं की तुलना में मजबूत हुआ है। इससे इन मुद्राओं में आयात डॉलर के मुकाबले सस्ता हुआ है।
Rupee-Dollar : वित्त मंत्रालय ने लोकसभा में जानकारी दी कि 2014 से 2022 के बीच रु डॉलर के मुकाबले 25% से ज्यादा कमजोर हुआ है।
Rupee-Dollar Update: रुपया टूटने से देश का चालू खाते का घाटा (कैड) बढ़ने की आशंका और विदेशी कोषों की निकासी की वजह से अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 80 प्रति डॉलर के मनोवैज्ञानिक निचले स्तर के पास आ गया है।
Rupee Fall Impact: भूल जाइए सस्ते मोबाइल और सैर सपाटा, 80 पर जा टंगा रुपया लाएगा बड़ी आफत
दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के समक्ष डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.37 प्रतिशत बढ़कर 108.36 हो गया।
बैंक ऑफ अमेरिका के अनुसार, भारतीय रुपया साल के अंत तक 81 प्रति डॉलर तक टूट सकता है।
डॉलर के मजबूत होने और उम्मीद से कमजोर घरेलू आर्थिक आंकड़ों के कारण भारतीय रुपया मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले नए रिकॉर्ड निचले स्तर को छू गया।
बैंक ऑफ अमेरिका के अनुसार, कच्चे तेल और माल की बढ़ती कीमतों के कारण भारतीय रुपया साल के अंत तक 81 प्रति डॉलर तक टूट सकता है।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 78.53 प्रति डॉलर पर कमजोर खुला था।
रुपया शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 19 पैसे टूटकर 77.93 पर बंद हुआ था। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 1.46 प्रतिशत गिरकर 120.23 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था।
अब आपको न सिर्फ विदेश से आयात होने वाले तेल, कंप्यूटर, मोबाइल के लिए ज्यादा पैसे अदा करने होंगे, वहीं विदेश में बच्चे की पढ़ाई का सपना भी महंगा हो जाएगा।
डॉलर के मजबूत होने का सीधा असर हमारे आयात पर पड़ता है। भारत जिन वस्तुओं के आयात पर निर्भर है, वहां रुपये की गिरावट महंगाई ला सकती है।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पावेल की आक्रामक टिप्पणियों के बाद वैश्विक बाजार में डॉलर में तेजी लौटने से रुपया अपने दिन के निचले स्तर 77.61 प्रति डॉलर तक गया।
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