व्हिस्की की चुस्की लगाने वालों के लिए अच्छी खबर है। भारत और ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) के बाद व्हिस्की की बोलत की कीमत कम हो सकती है।
ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौते के तहत स्कॉच व्हिस्की पर भारत द्वारा सहमत शुल्क में कमी से घरेलू प्रीमियम कैटेगरी के व्हिस्की ब्रांड प्रभावित हो सकते हैं, क्योंकि कम कीमत वाली स्कॉच व्हिस्की की आमद की संभावना है।
भारत के लिए शराब की प्रमुख निर्यातक देशों में अमेरिका (75 मिलियन अमेरिकी डॉलर), यूएई (54 मिलियन अमेरिकी डॉलर), सिंगापुर (28 मिलियन अमेरिकी डॉलर) और इटली (23 मिलियन अमेरिकी डॉलर) शामिल हैं।
ग्लियन इंस्टिट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन के शोधकर्ता जोसफ ने कहा कि भारत का बढ़ता संपन्न वर्ग उच्च श्रेणी की शराब की बिक्री में वृद्धि को बढ़ावा दे रहा है।
पिकाडिली एग्रो इंडस्ट्रीज के शेयर का भाव 1,180.14% चढ़कर 605.25 रुपये पहुंच गया है। यह स्टॉक नवंबर 2021 से 23 गुना ऊपर है।
वैश्विक बाजार में शराब की मांग बढ़ने से भारत से शराब से बने उत्पादों का निर्यात अगले कुछ वर्षों में एक अरब डॉलर से अधिक पर पहुंचने का अनुमान है। वाणिज्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव राजेश अग्रवाल कहा कि चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में भारतीय शराब उत्पादों का निर्यात 23 करोड़ डॉलर तक पहुंच गया। पिछले वित्त वर्ष की
देश में समृद्धि बढ़ने के साथ-साथ लोगों में महंगी शराब पीने का चलन भी बढ़ रहा है। शराब कंपनियां भी अब प्रीमियम ब्रांड्स पर फोकस कर रही हैं। पिछले साल देश में स्कॉच व्हिस्की का आयात 60 फीसदी बढ़ गया।
थोक मूल्य पर एक-एक प्रतिशत की दर से आबकारी शुल्क और वैट लगाया जाएगा, जिसके आधार पर खुदरा विक्रेताओं के पास शराब आपूर्ति की कीमत निकाली जाएगी।
शराब और बियर पीने वालों के लिए बड़ी खबर है। सरकार ने इस संबंध में बड़ा आदेश जारी किया है। अगर आप भी इसका सेवन करते है तो यह खबर आपको जरुर जाननी चाहिए।
पेप्सी बॉटलिंग कंपनी के दिवंगत कार्यकारी अधिकारी रिचर्ड गुडिंग के निजी संकलन में रखी विश्व की कुछ दुर्लभ और सबसे महंगी व्हिस्की की शुक्रवार को नीलामी की गई।
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