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FTA में वाइन पर इम्पोर्ट ड्यूटी में कटौती से लोकल मैनुफैक्चरर को होगा नुकसान! सीआईएबीसी की चिंता

ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौते के तहत स्कॉच व्हिस्की पर भारत द्वारा सहमत शुल्क में कमी से घरेलू प्रीमियम कैटेगरी के व्हिस्की ब्रांड प्रभावित हो सकते हैं, क्योंकि कम कीमत वाली स्कॉच व्हिस्की की आमद की संभावना है।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : May 16, 2025 14:55 IST, Updated : May 16, 2025 14:55 IST
भारत ब्रिटिश वाइन पर कोई शुल्क रियायत नहीं दे रहा है।
Photo:PIXABAY भारत ब्रिटिश वाइन पर कोई शुल्क रियायत नहीं दे रहा है।

भविष्य में शराब पर होने वाले व्यापार सौदों में आयात शुल्क में कोई भी कटौती घरेलू निर्माताओं को नुकसान पहुंचा सकती है। यह शराब बनाने वाली कंपनियों के संगठन सीआईएबीसी ने शुक्रवार को कही। सीआईएबीसी ने कहा कि यूरोपीय संघ, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से आयातित स्पिरिट पर रियायती शुल्क भारतीय बाजार में बाढ़ ला सकते हैं। पीटीआई की खबर के मुताबिक, भारतीय शराब बनाने वाली कंपनियों के परिसंघ (सीआईएबीसी) ने सरकार को कम लागत वाली और कम गुणवत्ता वाली बोतलबंद स्पिरिट, थोक और बोतलबंद वाइन की आवक को रोकने के लिए न्यूनतम आयात मूल्य खंड लागू करने का भी सुझाव दिया।

ब्रिटेन की व्हिस्की और जिन शुल्क घट जाएगा

खबर के मुताबिक, दिए गए सुझाव में कहा गया है कि ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौते के तहत स्कॉच व्हिस्की पर भारत द्वारा सहमत शुल्क में कमी से घरेलू प्रीमियम कैटेगरी के व्हिस्की ब्रांड प्रभावित हो सकते हैं, क्योंकि कम कीमत वाली स्कॉच व्हिस्की की आमद की संभावना है। समझौते के मुताबिक, भारत ब्रिटेन की व्हिस्की और जिन पर शुल्क को 150 प्रतिशत से घटाकर 75 प्रतिशत और सौदे के दसवें वर्ष में 40 प्रतिशत कर देगा।

वाइन ब्रांडों पर अनुचित दबाव देखा जा सकता है

सीआईएबीसी के महानिदेशक अनंत एस अय्यर ने कहा कि अगर यूरोपीय संघ, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे शराब उत्पादक देशों के साथ भविष्य के एफटीए के तहत वाइन सहित अन्य स्पिरिट पर भी इसी तरह की शुल्क रियायतें दी जाती हैं, तो यह भारतीय बाजार को कम कीमत वाली शराब के आयात के लिए खोलकर घरेलू स्तर पर उत्पादित गुणवत्ता वाले वाइन ब्रांडों पर अनुचित दबाव डाल सकता है।

ब्रिटिश वाइन पर कोई शुल्क रियायत नहीं

भारत ब्रिटिश वाइन पर कोई शुल्क रियायत नहीं दे रहा है और दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते के तहत यूके बीयर पर केवल सीमित आयात शुल्क लाभ दे रहा है। भारत ने एक व्यापार समझौते के तहत ऑस्ट्रेलिया को वाइन पर शुल्क रियायत दी है, जो 29 दिसंबर, 2022 को लागू हुआ। उस सौदे में, प्रीमियम आयातित वाइन पर टैरिफ 150 प्रतिशत से घटाकर 75 प्रतिशत कर दिया गया था। मुख्य शराब उत्पादक राज्यों में महाराष्ट्र और कर्नाटक शामिल हैं।

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