Saturday, May 04, 2024
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Lok Sabha Elections 2024: बठिंडा के चुनावी मैदान में बादल-मलूका की बहुएं आमने-सामने, जालंधर में 2 समधियों के बीच तगड़ी जंग

बीजेपी के टिकट पर शिअद नेता सिकंदर सिंह मलूका की बहूं परमपाल कौर ने बठिंडा के चुनावी रण में ताल ठोक दी है। परमपाल के सामने हैं बादल परिवार की बहू हरसिमरत कौर। इस सीट पर दो बड़े राजनीतिक घरानों की बहुएं के बीच कड़ी टक्कर है।

Khushbu Rawal Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Updated on: April 23, 2024 10:58 IST
parampal kaur and harsimarat kaur badal- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO परमपाल कौर और हरसिमरत कौर बादल

2024 का चुनावी महासंग्राम शुरू हो चुका है। पहले चरण के बाद अब राजनीतिक नेताओं ने दूसरे चरण के लिए चुनावी अभियान तेज कर दिया है। पंजाब में सातवें चरण में मतदान होगा। सातवें चरण का चुनाव 1 जून को होगा। इस दिन पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटों पर एक ही चरण में  मतदान होंगे। वहीं, आपको बता दें कि राज्य की बठिंडा और जालंधर लोकसभा सीट का चुनाव अब बेहद दिलचस्प हो गया है। बठिंडा लोकसभा सीट पर इस बार दो बड़े राजनीतिक परिवारों की बहुएं के बीच टक्कर होने जा रही है। इस सीट पर बीजेपी ने शिरोमणि अकाली दल (शिअद) नेता सिकंदर सिंह मलूका की बहू परमपाल कौर को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा है, तो वहीं शिअद के प्रमुख बादल परिवार ने अपनी बहू हरसिमरत कौर बादल पर चौथी बार दांव खेला है।

सिकंदर सिंह मलूका टकसाली शिअद नेता के तौर पर जाने जाते हैं और उनकी शिअद प्रमुख प्रकाश सिंह बादल के साथ नजदीकियां रही हैं। शिअद प्रमुख प्रकाश सिंह बादल के बाद अब उनके बेटे सुखबीर सिंह बादल पार्टी को संभाल रहे हैं। सिकंदर सिंह मलूका का बेटा गुरप्रीत सिंह अपनी पत्नी और IAS परमपाल कौर के साथ बीजेपी में शामिल हो गए थे। बीजेपी ने परमपाल कौर को बठिंडा सीट से टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा है। वह पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रही है। अब दो बड़े राजनीतिक घरानों की बहुओं के बीच मुकाबला होने जा रहा है।

जालंधर में समधी चन्नी के खिलाफ कांग्रेस पूर्व प्रदेश प्रधान केपी मैदान में

mohinder singh kaypee charanjit singh channi

Image Source : FILE PHOTO
मोहिंदर सिंह केपी और चरणजीत सिंह चन्नी

वहीं, पंजाब कांग्रेस के प्रधान और सांसद रहे मोहिंदर सिंह केपी सोमवार को शिरोमणि अकाली दल में शामिल हो गए। सोमवार को पार्टी ज्वाइन कराने के लिए अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल उनके घर पहुंचे। केपी जालंधर के दलित समाज में अच्छी पकड़ भी रखते हैं। इससे पहले देर रात केपी को मनाने के लिए पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के भाई उनके घर पहुंचे थे लेकिन केपी नहीं माने। बता दें कि केपी चन्नी के निकटवर्ती रिश्तेदार हैं और चन्नी के समधी हैं।

चन्नी के मुख्यमंत्री बनने के बाद केपी का कद पार्टी में बड़ा होना माना जा रहा था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। चन्नी के सीएम रहते हुए जब केपी ने आदमपुर से विधायकी की दावेदारी पेश की थी तो उन्हें टिकट न देकर सुखविंदर कोटली को दे दी गई थी। अब शिअद ने मोहिंदर सिंह केपी को मैदान में उतारकर सियासत को गर्मा दिया है। अब जालंधर की लड़ाई में दो समधी आमने-सामने हो गए हैं।

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