तरनतारन (पंजाब): तेलंगाना में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) प्रोजेक्ट की सुरंग के आंशिक रूप से ढहने के कारण जान गंवाने वाला पंजाब निवासी गुरप्रीत सिंह अपने परिवार में एकमात्र कमाने वाला सदस्य था। पंजाब के तरनतारन जिले के निवासी सिंह के परिवार में उनकी पत्नी, 13 और 16 साल की दो नाबालिग बेटियां और मां हैं।
10 फुट की गहराई पर गाद के नीचे दबा मिला शव
रॉबिन्स कंपनी के लिए ‘टनल बोरिंग मशीन’ (टीबीएम) ऑपरेटर के तौर पर काम करने वाले 40 वर्षीय गुरप्रीत सिंह, 22 फरवरी को सुरंग के आंशिक रूप से ढहने के बाद अंदर फंसे आठ लोगों में से एक थे। रविवार को सुरंग से सिंह का शव बरामद किया गया। शेष सात लोगों का पता लगाने के लिए सोमवार को रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा। अधिकारियों ने बताया कि 48 घंटे से अधिक समय तक ‘‘बेहद सावधानी से’’ खुदाई करने और अन्य प्रयासों के बाद गुरप्रीत सिंह का शव निकाला गया। यह लगभग 10 फुट की गहराई पर गाद के नीचे दबा हुआ था।
शोक में डूबा परिवार
इस बीच, सिंह के पैतृक गांव चीमा कलां में उनके परिवार के सदस्य शोक में डूबे हुए हैं, जबकि ग्रामीण अपनी संवेदना व्यक्त करने के लिए उनके घर पहुंच रहे हैं। सिंह के नजदीकी रिश्तेदार परगट सिंह चीमा ने बताया कि सिंह के परिवार में उनकी 13 और 16 साल की दो नाबालिग बेटियां, पत्नी राजविंदर कौर और मां दर्शन कौर हैं।
20 साल से कंपनी में कार्यरत
चीमा ने बताया कि गुरप्रीत सिंह पिछले दो दशकों से कंपनी के साथ काम कर रहे थे और परिवार में कमाने वाले एकमात्र सदस्य थे। तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने पहले ही सिंह के परिवार को 25 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। एसएलबीसी सुरंग प्रोजेक्ट का एक हिस्सा 22 फरवरी को ढह जाने के बाद 8 लोग फंस गए थे। एनडीआरएफ, भारतीय सेना, नौसेना और अन्य एजेंसियों के विशेषज्ञ उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। (भाषा इनपुट्स के साथ)
यह भी पढ़ें-
नोएडा में GST विभाग के डिप्टी कमिश्नर ने किया सुसाइड, 15वीं मंजिल से कूदे; इस बात से थे परेशान